Kullu News: कुल्लू के पूर्व एसडीएम विकास शुक्ला पर दुष्कर्म का मामला गर्माया हुआ है। पुलिस ने आरोप पत्र में कई गंभीर धाराएं जोड़ दी हैं। आरोप हैं कि उन्होंने एक महिला के साथ दुष्कर्म किया और बाद में जबरन गर्भपात करवाया। पीड़िता ने उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए कुल्लू पुलिस पर मामला दबाने का आरोप लगाया है।
पीड़िता ने हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को लिखे पत्र में कहा है कि जिला स्तर पर निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। उसने मामले की जांच मुख्यालय स्तर के अधिकारी या महिला डीआईजी से करवाने का अनुरोध किया है। उसने आरोप लगाया कि कुल्लू पुलिस मामले को दबाने का प्रयास कर रही है।
पुलिस ने विकास शुक्ला के खिलाफ दुष्कर्म के अलावा गर्भपात कराने, साक्ष्य मिटाने और बंधक बनाने जैसी धाराएं लगाई हैं। आरोप है कि पीड़िता ने विरोध किया तो उसे रोका गया और पीटा गया। मामले में तीन अन्य लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।
मंगलवार को पीड़िता का वीडियो बयान महिला थाना में दर्ज किया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने इस प्रक्रिया को अंजाम दिया। पुलिस जल्द ही उसका मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज करवा सकती है। इससे मामले को मजबूती मिलने की उम्मीद है।
सरकार ने दिखाई सख्ती
मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है। मुख्य सचिव के निर्देश पर विकास शुक्ला के खिलाफ प्रशासनिक जांच शुरू की गई है। यह जांच उनके आचरण और लगाए गए आरोपों की जांच करेगी। 2013 बैच के इस एचएएस अधिकारी पर यह गंभीर आरोप है।
पीड़िता ने थाना कुल्लू और महिला थाना पर पहले भी शिकायत को गंभीरता से न लेने का आरोप लगाया है। उसने कहा कि उसे तभी न्याय मिलेगा जब जांच पारदर्शी तरीके से होगी। उसने दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है।
आरोपी की हलचल
वहीं आरोपित विकास शुक्ला ने अग्रिम जमानत के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। उनके वकील ने कोर्ट में संबंधित अर्जी दायर की है। पुलिस ने शुक्ला और उनके तीन सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इनमें एक महिला भी शामिल है जिस पर गर्भपात में भूमिका का आरोप है।
यह मामला हिमाचल प्रदेश के प्रशासनिक तंत्र में हलचल पैदा कर रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी पर इस तरह के गंभीर आरोप चौंकाने वाले हैं। पुलिस की विस्तृत जांच के बाद ही सच्चाई सामने आ पाएगी। सभी की नजर अब अगली कानूनी कार्रवाई पर टिकी है।
