Himachal News: कुल्लू जिले में एक बड़े दुष्कर्म मामले में आरोपित एसडीएम विकास शुक्ला और उनके साथी पंकज गोस्वामी को विशेष न्यायाधीश के न्यायालय ने अंतरिम जमानत दे दी है। न्यायालय ने यह राहत 27 अक्टूबर तक के लिए प्रदान की है। अदालत ने मामले की पीड़िता को नोटिस जारी करके उससे अपना पक्ष रखने को कहा है। साथ ही जांच अधिकारी को भी न्यायालय में हाजिर होने के निर्देश दिए गए हैं।
विशेष न्यायाधीश की अदालत में गुरुवार को आरोपियों की अंतरिम जमानत याचिकाओं पर सुनवाई हुई। न्यायाधीश ने मामले की फाइल का अवलोकन करने के बाद यह आदेश सुनाया। अदालत ने आरोपियों को निर्देश दिया कि वे जांच प्रक्रिया में पूरा सहयोग दें। इस आदेश के बाद आगामी सुनवाई तक दोनों आरोपियों को कानूनी राहत मिल गई है।
आरोपों की गंभीरता
एचएएस अधिकारी विकास शुक्ला पर सुजानपुर में एसडीएम के पद पर तैनाती के दौरान गंभीर आरोप लगे हैं। कुल्लू की एक महिला ने उन पर दुष्कर्म करने और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज कराया था। एससी/एसटी एक्ट के तहत भी आरोप तय हुए हैं। शुक्ला के साथ पंकज गोस्वामी और वकील राजीव कुमार पर सामूहिक दुष्कर्म का प्रयास करने का आरोप है।
पुलिस जांच जारी
पुलिस मामले की गहन जांच में जुटी हुई है। महिला द्वारा 24 सितंबर की घटना के दिन पहने कपड़े सबूत के तौर पर पुलिस ने सुरक्षित कर लिए हैं। पीड़िता द्वारा बताए गए दो अन्य लड़कियों के बयान भी दर्ज किए गए हैं। पुलिस मोबाइल कॉल डिटेल रिकॉर्ड की जांच भी कर रही है। यह केस 28 सितंबर को कुल्लू पुलिस थाने में दर्ज किया गया था।
आरोपी अधिकारी का पलटवार
मामले में एक नया मोड़ तब आया जब एसडीएम विकास शुक्ला ने भी पीड़िता के खिलाफ कार्रवाई की। उन्होंने थाना कुल्लू में महिला पर ब्लैकमेल करने और जबरन पैसे वसूलने की शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत के बाद मामला और जटिल हो गया है। अब दोनों पक्ष एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं।
कानूनी प्रक्रिया आगे
अदालत द्वारा अंतरिम जमानत दिए जाने के बाद अब पीड़िता पक्ष को अपना जवाब दाखिल करना होगा। जांच एजेंसी भी अपनी रिपोर्ट न्यायालय में पेश करेगी। आरोपी अधिकारी की ओर से दायर शिकायत की भी अलग से जांच चल रही है। आगामी 27 अक्टूबर को न्यायालय में अगली सुनवाई होनी है। तब तक दोनों आरोपियों को जमानत मिली रहेगी।
