Himachal News: कुल्लू घाटी में वनों के अवैध कटान पर लगाम लगाने के लिए वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। मणिकर्ण घाटी के छरोड़नाला क्षेत्र में विभाग ने गुप्त सूचना के आधार पर नाका लगाया। इस दौरान एक संदिग्ध जीप को रोककर तलाशी ली गई। तलाशी में जीप से देवदार की बहुमूल्य लकड़ी के 29 स्लीपर बरामद हुए।
वन विभाग की टीम ने जीप चालक गगन से लकड़ी के कागजात मांगे। चालक कोई भी वैध दस्तावेज पेश नहीं कर पाया। इसके बाद टीम ने स्लीपरों की पैमाइश करके उन पर जब्ती हैम्बर लगाए। जब्त की गई स्लीपरों का बाजार मूल्य लगभग 1,89,235 रुपये आंका गया है। चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
रात्रिकालीन नाके में हुई सफल कार्रवाई
गत रात्रि मणिकर्ण घाटी के छरोड़नाला के पास भ्रेण पुल पर वन विभाग ने गुप्त सूचना के आधार पर नाका लगाया था। नाके के दौरान एक जीप मणिकर्ण से भुंतर की ओर आ रही थी। वन विभाग की टीम ने जीप को रोककर सख्ती से तलाशी ली। तलाशी में देवदार के बिना हैम्बर मार्क वाले 29 स्लीपर पाए गए।
इस ऑपरेशन में वन खंड अधिकारी जरी चमन लाल की अगुवाई में टीम मौजूद थी। टीम में वन रक्षक प्रभारी जरी राम चंद, वन रक्षक प्रभारी धारा संजय ठाकुर और वन रक्षक प्रभारी शाट वेद राम शामिल थे। टीम ने जीप सहित सभी स्लीपर जब्त कर लिए।
वन माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संकेत
डीएफओ पार्वती प्रवीण ठाकुर ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि वन माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि पार्वती वन मंडल के तहत आने वाली सभी वन बीटों में रात्रि और दिन की गश्त बढ़ा दी गई है। अवैध कटान रोकने के लिए फील्ड स्टाफ को कड़े निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि वन विभाग लगातार वन संपदा की सुरक्षा के लिए काम कर रहा है। किसी भी प्रकार के अवैध कटान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्थानीय लोगों से वन माफिया की गतिविधियों की सूचना तुरंत विभाग को देने की अपील की।
बढ़ते अवैध कटान पर विभाग की सख्त नजर
कुल्लू घाटी में वनों का अवैध कटान एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। वन माफिया रातोंरात इमारती लकड़ियों को ठिकाने लगा रहे हैं। हालांकि वन विभाग ने जंगलों में गश्त बढ़ा दी है, लेकिन वन काटुए लगातार हरे-भरे पेड़ों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इस घटना से वन माफिया के एक बड़े नेटवर्क का पता चलता है। विभाग इस मामले की गहन जांच कर रहा है। आशंका जताई जा रही है कि जल्द ही और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
स्थानीय लोगों से मांगा सहयोग
वन विभाग ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे वन माफिया की किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत विभाग को दें। विभाग ने गुप्त सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखने का आश्वासन दिया है। इससे पहले भी गुप्त सूचना के आधार पर कई बड़ी कार्रवाइयां सफल रही हैं।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जन सहयोग से ही वन संपदा की सुरक्षा संभव है। उन्होंने वन माफिया के खिलाफ जन जागरूकता अभियान चलाने का भी निर्णय लिया है। इसके तहत ग्राम स्तर पर बैठकें आयोजित की जाएंगी।
