Himachal News: कुल्लू जिले के नोहांडा क्षेत्र के झनीयार गांव में सोमवार को भीषण आग लग गई। यह घटना दोपहर करीब दो बजे घटित हुई। आग तेजी से पूरे गांव में फैल गई। ग्रामीणों ने शुरुआत में आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हुए। अग्निशमन विभाग की गाड़ियां देर से पहुंच पाईं और तब तक भारी नुकसान हो चुका था।
इस आग में 16 आवासीय घर पूरी तरह जल गए। चार गौशालाएं और दो मंदिर भी राख में तब्दील हो गए। गांव में केवल चार से पांच घर ही बचे हैं जो मुख्य आबादी से कुछ दूरी पर स्थित थे। सौभाग्य से इस भयानक अग्निकांड में किसी भी व्यक्ति की मौत की सूचना नहीं है। प्रारंभिक जांच में आग का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है।
अग्निशमन विभाग को मिली सूचना
अग्निशमन विभाग की बंजर चौकी को दोपहर दो बजकर सात मिनट पर आग की सूचना मिली। तुरंत एक फायर ब्रिगेड गाड़ी घटनास्थल के लिए रवाना की गई। झनीयार गांव बंजार से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित है। यह गांव तीर्थंकर घाटी क्षेत्र में आता है। गांव तक पहुंचने के लिए दो से तीन किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।
दुर्गम इलाके में मुश्किल राहत कार्य
गांव की दुर्गम भौगोलिक स्थिति ने राहत कार्यों को मुश्किल बना दिया। अग्निशमन वाहनों के लिए गांव तक पहुंचना चुनौतीपूर्ण रहा। स्थानीय लोगों ने बताया कि आग बहुत तेजी से फैली। पहाड़ी इलाके होने के कारण यहां अधिकांश घर लकड़ी के बने हुए हैं। इस कारण आग को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया। लकड़ी के घर तेजी से आग की चपेट में आए।
ग्रामीणों का सामूहिक प्रयास
आग लगते ही ग्रामीणों ने एकजुट होकर बुझाने का प्रयास शुरू किया। उन्होंने पानी और अन्य साधनों से आग पर काबू पाने की कोशिश की। लेकिन आग का प्रकोप इतना भयानक था कि स्थानीय प्रयास नाकाफी साबित हुए। जब तक अग्निशमन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, तब तक अधिकांश घर जल चुके थे। ग्रामीणों ने अपना सामान बचाने का भी प्रयास किया।
प्रशासनिक कार्रवाई शुरू
जिला प्रशासन ने घटना की जांच शुरू कर दी है। अधिकारी मौके का दौरा करके नुकसान का आकलन कर रहे हैं। पीड़ित परिवारों को तत्काल राहत उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। आग के कारणों की पुष्टि के लिए विस्तृत जांच होगी। प्रारंभिक तौर पर बिजली के शार्ट सर्किट को संभावित कारण माना जा रहा है। अधिकारी पूरे मामले की छानबीन कर रहे हैं।
परिवारों के सामने आवास संकट
आग में घर खो चुके परिवारों के सामने रहने का गंभीर संकट पैदा हो गया है। इन परिवारों के पास अब अपनी छत नहीं बची है। स्थानीय प्रशासन ने उनके लिए अस्थायी आवास की व्यवस्था की है। बचे हुए घरों में भी कुछ परिवारों को शरण दी गई है। सरकारी विभाग राहत सामग्री वितरण का काम कर रहे हैं। मौसम की मार से बचाने के लिए तत्काल उपाय किए जा रहे हैं।
