Kullu News: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में ऐतिहासिक दशहरा उत्सव के दौरान बड़ा विवाद हो गया। तहसीलदार हरि सिंह यादव को देवलुओं की एक भीड़ ने घेर लिया। उन्हें गले से पकड़कर देवता भृगु ऋषि के शिविर में ले जाया गया। वहां उनसे जबरन माफी मंगवाई गई। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
घटना कुल्लू के ढालपुर मैदान में घटी जहां दशहरा उत्सव चल रहा था। तहसीलदार हरि सिंह यादव मैदान का निरीक्षण कर रहे थे। तभी अचानक देवलुओं की भीड़ ने उन्हें घेर लिया। भीड़ ने उनके कॉलर से पकड़कर धक्का-मुक्की करते हुए देवता के शिविर तक खींच लिया। तहसीलदार विरोध कर रहे थे लेकिन भीड़ ने उनकी एक न सुनी।
वायरल हुए वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कई लोग तहसीलदार के आसपास जमा हैं। वे उन्हें खींच रहे हैं और शिविर की ओर ले जा रहे हैं। शिविर में पहुंचने के बाद तहसीलदार से देवता के सामने माफी मांगने को कहा गया। इस पर तहसीलदार ने माफी मांगी। इस पूरी घटना ने उत्सव के माहौल को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।
तहसीलदार के साथ हुआ दुर्व्यवहार
तहसीलदार हरि सिंह यादव अनुसूचित जनजाति से संबंध रखते हैं। इस घटना में उनके साथ मारपीट और खींचतान हुई। उनसे जबरन माफी मंगवाई गई। यह एसटी व्यक्ति होने के नाते प्रताड़ना का मामला बनता है। प्रशासन को सूचना मिलते ही अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी। तहसीलदार ने उच्च अधिकारियों को घटना की सूचना दी है।
देवलुओं का आरोप है कि तहसीलदार ने जूते पहनकर देवता के शिविर में प्रवेश किया था। इससे स्थानीय लोगों में रोष फैल गया। इसी कारण भीड़ ने कार्यवाही करते हुए तहसीलदार को घेर लिया। हालांकि पुलिस मौके पर पहुंच गई थी लेकिन तब तक घटना हो चुकी थी। वायरल वीडियो इस मामले में महत्वपूर्ण सबूत के रूप में काम करेगा।
कानूनी पहलू
इस घटना में बीएनएस की कई धाराएं लागू हो सकती हैं। धारा 130 में हमले का प्रावधान है जबकि धारा 131 सजा का प्रावधान करती है। धारा 129 आपराधिक बल के प्रयोग को परिभाषित करती है। जबरन माफी मंगवाना धारा 351 के तहत आपराधिक धमकी की श्रेणी में आ सकता है। ये सभी प्रावधान आईपीसी से बदले गए हैं। अनुसूचित जनजाति अधिनियम की धारा 3(1) (र) भी इस मामले में प्रासंगिक है। क्योंकि तहसीलदार पिछले साल से देवलुओं के निशाने पर थे।
स्थानीय प्रतिक्रिया
स्थानीय लोग इस घटना पर अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर इस मामले में बहस छिड़ गई है। कुछ लोग देवता की परंपरा का समर्थन कर रहे हैं तो अन्य तहसीलदार के पक्ष में हैं। कुल्लू दशहरा की गरिमा पर सवाल उठ रहे हैं। देव समाज ने तहसीलदार के व्यवहार पर नाराजगी जताई है। वे परंपराओं का पालन चाहते हैं।
सोशल मीडिया पर चर्चा
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं तेज हैं। लोग वीडियो शेयर कर रहे हैं और हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। कुल्लू दशहरा विवाद चर्चा का केंद्र बना हुआ है। मीडिया कवरेज बढ़ गया है। ईटीवी भारत और अमर उजाला जैसे मीडिया हाउसों ने इसकी रिपोर्ट की है।जागरण ने भी विस्तृत विवरण दिया है।
ये सभी स्रोत विश्वसनीय माने जाते हैं। घटना की पुष्टि हो चुकी है। तहसीलदार हरि सिंह यादव का कार्यकाल चल रहा है और वे कुल्लू में तैनात हैं। पहले भी देव संस्कृति से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होती रही है। लेकिन इस बार शारीरिक झड़प हुई है। मारपीट के आरोप हैं और खींचतान से चोट लगने की भी आशंका है।
प्रशासन ने बयान देकर कहा है कि उत्सव सुरक्षित चलेगा। अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। देव समाज से शांति बनाए रखने की अपील की गई है। तहसीलदार ने सहयोग का आश्वासन दिया है। विवाद सुलझाने के प्रयास जारी हैं लेकिन कानूनी कार्यवाही हुई तो बीएनएस और एसटी एक्ट के प्रावधान लागू होंगे।
घटना के बाद स्थानीय बाजार प्रभावित हुए हैं। पर्यटक सतर्क हैं। कुल्लू दशहरा की प्रसिद्धि बनाए रखने के लिए प्रशासन प्रबंधन सुधार रहा है। परंपराओं का सम्मान करते हुए अधिकारियों को प्रशिक्षण देने पर विचार किया जा रहा है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय किए जाएंगे। जांच रिपोर्ट इस मामले में महत्वपूर्ण होगी।
