Kullu News: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के दौरान तहसीलदार हरि सिंह यादव की पिटाई का मामला अब और उलझ गया है। देवता भृगु ऋषि के हरियानों ने अब एएसपी को शिकायत पत्र देकर तहसीलदार के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है। उनका आरोप है कि तहसीलदार ने देवता के साथ अभद्र व्यवहार किया और धमकियां दीं।
हरियानों के प्रतिनिधि अमन सूद ने एएसपी कार्यालय में एक शिकायत पत्र सौंपा। इस शिकायत में घटना का पूरा विवरण दिया गया है। उन्होंने बताया कि दशहरा उत्सव के दौरान तहसीलदार हरि सिंह जूतों के साथ देवता के अस्थाई शिविर में पहुंचे थे।
जब आरोपी राहुल ने उन्हें जूतों के साथ शिविर में प्रवेश करने से रोका तो तहसीलदार ने बदसलूकी की। उन्होंने अपने पद और हैसियत का दुरुपयोग करते हुए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। इसके बाद वह वहां से चले गए।
बाद में जब तहसीलदार से माफी मांगने के लिए कहा गया तो स्थिति और बिगड़ गई। उन्होंने राहुल को धमकाते हुए कहा कि तुम ही वह लड़के थे जो ज्यादा बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं तुम्हें और देवता को जेल में ठोक दूंगा।
इस धमकी के बाद हालात और तनावपूर्ण हो गए। देवता ने खुद तहसीलदार से माफी मांगने के लिए कहा था। देव समाज की तरफ से मामले को वहीं खत्म कर दिया गया था। लेकिन अब हरियानों ने फिर से मामला उठाया है।
अमन सूद ने मांग की कि सरकार तहसीलदार हरि सिंह को कुल्लू से तुरंत ट्रांसफर करे। साथ ही उनके खिलाफ जांच शुरू की जाए और उन्हें निलंबित किया जाए। उन्होंने कहा कि हरि सिंह ने पहली बार ऐसा व्यवहार नहीं दिखाया।
पिछली घटनाओं का जिक्र
हरियानों ने आरोप लगाया कि तहसीलदार हरि सिंह 2023 और 2024 में भी इसी तरह की अभद्रता कर चुके हैं। उनका कहना है कि यह कोई नई घटना नहीं है। उनके अनुसार तहसीलदार का व्यवहार पहले भी ऐसा रहा है।
इस शिकायत के बाद मामला और गंभीर हो गया है। अब दोनों पक्ष एक दूसरे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पुलिस के सामने अब एक चुनौतीपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई है।
पिटाई की घटना
यह पूरा विवाद कुल्लू दशहरा के पहले दिन शुरू हुआ था। देवता भृगु ऋषि के हरियानों ने तहसीलदार हरि सिंह यादव की पिटाई कर दी थी। उन्हें खदेड़ते हुए ले जाया गया था।
इस घटना की एक वीडियो सामने आई थी जिसने पूरे मामले को और हवा दी। वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले ने व्यापक सुर्खियां बटोरीं। सोशल मीडिया पर भी इसकी काफी चर्चा हुई।
तहसीलदार ने इस घटना के बाद देवलुओं के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। उन्होंने पुलिस में शिकायत की कि उनके साथ मारपीट की गई और उन्हें अपमानित किया गया। इसके बाद से ही यह मामला चल रहा है।
परिवार ने उठाए सवाल
तहसीलदार के परिवार ने भी इस मामले में पुलिस पर सवाल उठाए हैं। उनका मानना है कि पुलिस ने उचित कार्रवाई नहीं की। परिवार को न्याय की उम्मीद है।
परिवार के सदस्यों का कहना है कि तहसीलदार के साथ हुई घटना गंभीर है। उन्हें देवता के समर्थकों ने शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाया। इसके लिए दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।
अब जबकि दूसरी तरफ से भी शिकायत आई है, पुलिस के लिए मामला और जटिल हो गया है। दोनों पक्ष अपने अपने दावों के साथ खड़े हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं।
धार्मिक भावनाओं का सवाल
हरियानों ने अपनी शिकायत में कहा है कि तहसीलदार के व्यवहार से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। देवता के प्रति अभद्रता को वह गंभीर अपराध मानते हैं।
कुल्लू का दशहरा उत्सव पूरे देश में प्रसिद्ध है। इसमें देवताओं की शोभायात्रा निकाली जाती है और पारंपरिक रीति रिवाजों का पालन किया जाता है। इस उत्सव का स्थानीय लोगों के लिए विशेष धार्मिक महत्व है।
इस पृष्ठभूमि में जब कोई अधिकारी देवता के शिविर में जूतों के साथ पहुंचता है तो लोगों की भावनाएं आहत होना स्वाभाविक है। हरियानों का मानना है कि तहसीलदार को इस बात का ध्यान रखना चाहिए था।
आगे की कार्रवाई
अब सबकी नजरें पुलिस प्रशासन पर टिकी हैं कि वह इस मामले में क्या कार्रवाई करती है। दोनों पक्षों की शिकायतों के आधार पर पुलिस को कोई निर्णय लेना होगा।
हरियानों ने स्पष्ट मांग रखी है कि तहसीलदार के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए। उनका कहना है कि केवल एक पक्ष के खिलाफ ही कार्रवाई उचित नहीं है। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
तहसीलदार की ओर से पहले ही कानूनी कार्रवाई शुरू की जा चुकी है। अब देखना यह है कि हरियानों की इस नई शिकायत पर पुलिस क्या करती है। क्या दोनों पक्षों के खिलाफ मामले दर्ज होंगे।
कुल्लू दशहरा उत्सव में यह विवाद स्थानीय प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। धार्मिक मान्यताओं और प्रशासनिक दायित्वों के बीच संतुलन बनाना अब मुश्किल हो रहा है। पुलिस बहुत सतर्कता से इस मामले को संभाल रही है।
