Kullu News: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू दशहरा में देवता के अपमान को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस घटना में तहसीलदार हरि सिंह यादव की भीड़ ने पिटाई की और उन्हें खदेड़ा गया। बाद में तहसीलदार ने देवता के सामने माफी मांगी और पुलिस कार्रवाई से इनकार कर दिया। हालांकि, देवता के कारकूनों ने प्रशासन को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि अब कोई भी अधिकारी जूते पहनकर देवस्थल में न आए, वरना उसकी टांगें तोड़ दी जाएंगी।
कारकून ने जताया गुस्सा
ग्राम पंचायत रतोचा के उपप्रधान और देवता भृगु ऋषि के कारकून रिंकु शाह ने प्रशासन के रवैये पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि माता चामुंडा और देवता के शिविर को लेकर टेंट और जगह के विवाद में प्रशासनिक अधिकारी जूते पहनकर अंदर घुस गए। उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रशासन को देव आस्था के बारे में कोई जानकारी नहीं है। रिंकु शाह ने जोर देकर कहा कि वे अपनी जगह से एक इंच भी नहीं हटेंगे।
तहसीलदार का रवैया रहा विवादित
रिंकु शाह के अनुसार, तहसीलदार ने स्वयं को मेले का मुखिया बताया था। इस पर कारकूनों ने कहा कि मेले का मुखिया तो चुना हुआ प्रतिनिधि होता है, प्रशासनिक अधिकारी नहीं। उनका कहना था कि प्रशासन का काम लोगों को सुविधाएं प्रदान करना है, न कि उन्हें धमकाना। यह पूरा विवाद टेंट लगाने को लेकर सामने आया, जहां प्रशासन ने 16 बाय 16 फीट जगह दी थी, लेकिन देवता का पुराना और चौड़ा टेंट पहले से लगा था।
शुद्धिकरण का खर्चा उठाएगा प्रशासन
मामले को शांत करने के लिए तहसीलदार ने न केवल माफी मांगी, बल्कि देवता के शिविर में कराए गए शुद्धिकरण का पूरा खर्चा उठाने की भी हामी भर दी है। माता चामुंडा धारा मंदिर कमेटी के सदस्य झाबे राम ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने यह भी मांग की कि भविष्य में अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में देवी-देवताओं के बैठने की व्यवस्था बेहतर तरीके से की जाए, ताकि उनका अपमान न हो।
विधायक ने उठाए सवाल
इस मामले पर बंजार विधायक सुरेंद्र शौरी ने भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि तहसीलदार का रवैया अच्छा नहीं है और पिछले साल 2023 में भी उन्होंने 18 देवताओं के टेंट उखाड़ दिए थे। शौरी ने तहसीलदार के बहाने सुक्खू सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने पूछा कि ऐसे अफसरों को कुल्लू में क्यों तैनात किया गया है। फिलहाल, विवाद भले ही शांत हो गया हो, लेकिन तहसीलदार की पिटाई पर कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
क्या है पूरा मामला
यह पूरा विवाद गुरुवार को तब शुरू हुआ जब तहसीलदार हरि सिंह यादव और देवता के कारकूनों के बीच झड़प हो गई। इस दौरान तहसीलदार की भीड़ ने पिटाई की और उन्हें माफी मांगने के लिए मजबूर किया। वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे भीड़ ने तहसीलदार को खदेड़ा। बाद में तहसीलदार ने देवता के सामने श्रद्धापूर्वक माफी मांगी और आगे कोई कार्रवाई न करने का एलान किया। यह घटना कुल्लू दशहरा जैसे बड़े आयोजन में सांस्कृतिक संवेदनशीलता के महत्व को रेखांकित करती है।
