Himachal News: कुल्लू दशहरा उत्सव समिति ने इस साल आने वाले देवी-देवताओं के लिए नए नियम जारी किए हैं। निमंत्रण पत्र के साथ भेजी गई 11 शर्तों में स्पष्ट कहा गया है कि केवल नियमों का पालन करने वाले देवताओं को ही नजराना मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव 2 से 8 अक्टूबर तक मनाया जाएगा।
दूरदराज के देवताओं को पहले भेजे गए निमंत्रण
समिति ने आनी-निरमंड जैसे दूरस्थ क्षेत्रों के देवी-देवताओं को पहले ही निमंत्रण भेज दिए हैं। जल्द ही कुल्लू, मनाली, सैंज और बंजार क्षेत्र के देवताओं को भी बुलाया जाएगा। पहले निमंत्रण में केवल संक्षिप्त शर्तें होती थीं, लेकिन इस बार 11 बिंदुओं में विस्तृत नियम बनाए गए हैं।
ये हैं प्रमुख शर्तें
देवी-देवताओं के कारदारों को इन नियमों का सख्ती से पालन करना होगा:
- देवताओं को मूल स्थान से ढालपुर मैदान तक पैदल ही लाना होगा
- 2 अक्टूबर को रथयात्रा शुरू होने से पहले ढालपुर पहुंचना अनिवार्य
- रघुनाथ मंदिर में हाजिरी देना जरूरी
- रथयात्रा में उपस्थिति और रथ लाना अनिवार्य
- नजराना उत्सव के अंतिम दिन ही दिया जाएगा
200 किमी पैदल चलकर आएंगे देवता
आउटर सराज क्षेत्र के देवी-देवताओं को हारियान (कांवड़िए) अपने कंधों पर उठाकर 200 किलोमीटर तक पैदल चलकर लाएंगे। इस दौरान आनी, निरमंड और बंजार क्षेत्र से गुजरने वाले देवताओं को औट पुलिस थाना को पहले सूचित करना होगा ताकि उचित सुरक्षा व्यवस्था की जा सके।
देवी-देवता कारदार संघ के अध्यक्ष दोत राम ठाकुर ने बताया कि इस बार नियमों को विस्तार से समझाया गया है। नियमों का उल्लंघन करने वाले देवताओं के नजराने में कटौती की जाएगी या उन्हें नजराना ही नहीं दिया जाएगा।
