Himachal News: कुल्लू जिले के ऐतिहासिक नग्गर कैसल में जगती यानी देव संसद का आगाज हो गया है। इस आयोजन में कुल्लू, लाहौल स्पीति और मंडी जिलों के देवी-देवता शामिल होंगे। मंडी से सांसद कंगना रनौत भी जगती पट्ट नग्गर पहुंची। उन्होंने दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
लगभग ग्यारह साल बाद नग्गर में देव संसद का आयोजन हो रहा है। भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने बताया कि तीन सौ से अधिक देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजे गए हैं। देव संसद में देवी-देवता अपने विचार रखेंगे और देव भूमि पर आने वाले संकट से निपटने के लिए आदेश जारी करेंगे।
देव संसद का महत्व
भगवान रघुनाथ के कारदार दानवेंद्र सिंह ने बताया कि नग्गर का जगती पट्ट स्थान अठारह करडू के रूप में विशेष महत्व रखता है। यह वह स्थल है जहां बड़ी विपदा आने पर सभी देवी-देवता एकत्रित होते हैं। वे समस्याओं के निवारण के लिए आदेश जारी करते हैं। यह आयोजन लंबे अंतराल के बाद हो रहा है।
पिछली देव संसद में देवताओं ने हिमालयन स्की विलेज प्रोजेक्ट को स्थापित न करने का आदेश दिया था। देव आदेश के बाद कंपनी को अपना सामान समेटकर वापस लौटना पड़ा था। इस बार की देव संसद में सभी देव कारकूनों के समक्ष पूछ डालकर समाधान का अनुरोध किया जाएगा।
कंगना रनौत ने लिया आशीर्वाद
सांसद कंगना रनौत ने नग्गर कैसल स्थित जगती पट्ट में दर्शन किए। उन्होंने आशीर्वाद प्राप्त किया। कंगना ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पिछले महीने आई आपदा से भारी नुकसान हुआ है। विश्व कल्याण के लिए जगती का आयोजन हो रहा है। उन्होंने इस अवसर पर देवी-देवताओं के दर्शन कर आशीर्वाद लिया।
दूर-दराज के देवी-देवताओं के निशान भी नग्गर पहुंचने लगे हैं। इस देव संसद में कुल्लू घाटी की सभी प्रमुख देव परंपराओं का प्रतिनिधित्व होगा। स्थानीय लोगों ने इस आयोजन को लेकर उत्साह दिखाया है। यह आयोजन क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
