New Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्नाव दुष्कर्म मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर की सजा को निलंबित कर दिया है। पीड़ित पक्ष ने इस फैसले पर गहरा दुख जताया है। दुष्कर्म पीड़िता ने इसे अपने लिए ‘काल’ बताया है। अब वह न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। हालांकि, इस आदेश के बाद भी सेंगर अभी जेल से बाहर नहीं आ सकेगा।
कोर्ट ने दी सशर्त जमानत
हाई कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को राहत देते हुए सजा पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने अपील पर फैसला आने तक उसे सशर्त जमानत दी है। कोर्ट ने साफ निर्देश दिया है कि सेंगर पीड़िता के घर के 5 किलोमीटर के दायरे में नहीं जाएगा। वह पीड़िता या उसके परिवार को धमकी नहीं देगा। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि शर्तों का उल्लंघन होने पर जमानत अपने आप रद्द हो जाएगी।
जेल से बाहर क्यों नहीं आएगा सेंगर?
कुलदीप सिंह सेंगर ने 2019 के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने दुष्कर्म मामले में तो राहत दी है, फिर भी वह जेल में ही रहेगा। इसका कारण एक दूसरा मामला है। वह पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में भी दोषी है। उस केस में वह 10 साल की सजा काट रहा है। वहां उसे अभी जमानत नहीं मिली है।
पीड़िता ने जताई गहरी चिंता
हाई कोर्ट के फैसले के बाद पीड़िता काफी डरी हुई है। उसने कहा कि गवाहों और परिवार की सुरक्षा पहले ही हटा ली गई थी। अब कोर्ट के इस फैसले ने उनका डर और बढ़ा दिया है। पीड़िता ने कहा कि अगर दोषियों को ऐसे जमानत मिलेगी तो देश की बेटियां सुरक्षित नहीं रहेंगी। यह फैसला उनके लिए मौत समान है। पीड़िता अब इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।
