Movie Mission Raniganj: बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार अपनी अगली फिल्म मिशन रानीगंज में नजर आने वाले हैं. यह फिल्म माइनिंग इंजीनियर जसवंत सिंह गिल की जांबाजी पर आधारित है. हाल ही में फिल्म का पोस्टर सामने आया है, जिसने फैंस की एक्साइटमेंट को दोगुना बढ़ा दिया है. बता दें अक्षय पर्दे पर कई रियल ‘हीरो’ की बायोपिक में नजर आ चुके हैं और एक बार फिर से वो कोल माइनिंग इंजीनियर जसवंत सिंह गिल का रोल प्ले करेंगे.
अक्षय ने ये पोस्टर अपने सोशल मीडिया पर भी साझा किया है. पोस्टर में वह माइनिंग इंजीनियर जसवंत सिंह गिल के किरदार में फैंस का दिल जीतते हुए नजर आ रहे है. ये फिल्म जसवंत और उनकी बहादुरी की कहानी को बयां करती हैं. आइए आज जानते हैं जसवंत सिंह गिल ने कैसे बचाई थी कोयला खदान में फंसे 65 लोगों की जान?
जसवंत सिंह गिल कौन थे
जसवंत सिंह गिल का जन्म 22 नवंबर, 1939 को अमृतसर के सथियाला में हुआ था, उन्होंने खालसा स्कूल से पढ़ाई की थी और खालसा कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था. 16 नवंबर, 1989 को जसवंत सिंह की तैनाती पश्चिम बंगाल के रानीगंज क्षेत्र में थी. इसी दौरान रानीगंज की एक कोयला खदान में पानी भर गया. 65 लोगों की जान खतरे में थी. ऐसी स्थिति में जब सबका दिमाग सुन्न पड़ गया था, तब जसवंत सिंह गिल ने समझदारी दिखाते हुए अपने कुछ साथियों की मदद सभी को बचाया था.6 लोगों को नहीं बचाने पर रो पड़े थे गिल
7-8 राउन्ड के बाद जब ये पक्का हो गया कि कैप्सूल ढंग से काम कर रहा है, तो कैप्सूल में लगी मैनुअल घिरनी को मकैनिकल घिरनी से बदल दिया गया. इससे मजदूरों को निकालने की प्रक्रिया में तेजी आ गई. सुबह 8:30 बजे तक गिल सभी मजदूरों को बाहर लाने में सफल रहे.
यानी 6 घंटे में गिल साहब ने 65 लोगों के जान बचा ली, जब आखिरी आदमी को लेकर गिल बाहर निकले तो यह कहते हुए रो पड़े कि वह बाकी 6 लोगों को नहीं बचा सके. यह हादसा अब तक के कोयला खदानों में हुए सबसे बड़े हादसों में से एक था. ‘लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड’ में भी जसवंत सिंह गिल का नाम दर्ज है. जानकारी के मुताबिक वो एकलौते इंसान थे जिन्होंने अकेले किसी कोयले की खान में फंसे इतने लोगों को बचाया था.