शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

किन्नौर: शिपकी ला दर्रे से भारत-तिब्बत व्यापार को मिली नई जान, जून से शुरू हो सकता है सीमित कारोबार

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Himachal Pradesh News: केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में स्थित ऐतिहासिक शिपकी ला दर्रे के जरिए चीन अधिकृत तिब्बत के साथ व्यापार को औपचारिक मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रयासों के बाद मिली इस स्वीकृति से सदियों पुराने व्यापार मार्ग को पुनर्जीवित करने का रास्ता साफ हुआ है। जून से इस मार्ग से सीमित दायरे में व्यापार शुरू होने की उम्मीद है।

इस ऐतिहासिक फैसले से किन्नौर के साथ-साथ पूरे प्रदेश के व्यापारियों को लाभ मिलने की संभावना है। सरकार द्वारा तय सूची के अनुसार भारत से वस्तुओं का निर्यात किया जा सकेगा। तिब्बत से पशमीना ऊन और अन्य पारंपरिक उत्पाद आयात किए जा सकेंगे। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

व्यापार पूरी तरह से नियमों के दायरे में होगा। केवल पंजीकृत व्यापारी ही तय वस्तुओं की सूची के अंतर्गत कारोबार कर सकेंगे। किन्नौर जिला प्रशासन को व्यापारियों के पंजीकरण और सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ी औपचारताएं पूरी करनी होंगी। इस प्रक्रिया पर अभी काम चल रहा है।

शिपकी ला दर्रा भारत और तिब्बत के बीच सदियों से व्यापार का महत्वपूर्ण मार्ग रहा है। यह सतलुज नदी के मार्ग के साथ जुड़ा हुआ है। 1962 के भारत-चीन युद्ध से पहले यहां बड़े पैमाने पर सक्रिय व्यापार होता था। ऊन, मसाले, अनाज और हस्तशिल्प का आदान-प्रदान होता था।

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युद्ध के बाद यह महत्वपूर्ण मार्ग दशकों तक बंद रहा। बाद में दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने के प्रयासों के तहत इसे फिर से खोला गया था। लेकिन 2020 में कोरोना महामारी के दौरान इसे फिर से बंद करना पड़ा। अब चार साल बाद इसे दोबारा खोलने की तैयारी है।

कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए नया रास्ता

शिपकी ला मार्ग के खुलने से कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू होने की उम्मीद बढ़ गई है। मुख्यमंत्री सुक्खू इस दिशा में भी प्रयास कर रहे हैं। इस मार्ग से यात्रा शुरू होने से किन्नौर जिले में पर्यटन को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय व्यवसायों को नए अवसर मिलेंगे।

विशेषज्ञों के अनुसार शिपकी ला मार्ग से कैलाश मानसरोवर की यात्रा अब तक के मार्गों से काफी कम समय में पूरी हो सकती है। यह मार्ग वर्तमान दिल्ली होते हुए जाने वाले मार्ग की तुलना में लगभग चौदह दिन कम समय लेगा। यात्रियों के लिए यह एक सुविधाजनक विकल्प साबित हो सकता है।

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साल के अधिकांश समय रहेगा खुला

किन्नौर क्षेत्र भौगोलिक रूप से वर्षा छाया क्षेत्र में आता है। यहां मानसून का प्रभाव कम रहता है। इस कारण शिपकी ला मार्ग साल के अधिकांश समय खुला रह सकता है। मौसम की अनुकूल परिस्थितियां व्यापार और यात्रा दोनों के लिए फायदेमंद साबित होंगी।

इस मार्ग तक पहुंचने के लिए पहले से ही अच्छी सड़क संपर्क उपलब्ध है। रामपुर और पूह से शिपकी ला तक सड़क मार्ग बना हुआ है। इसके चलते इस ऐतिहासिक मार्ग को आधुनिक यात्रा और व्यापार के लिए आसानी से तैयार किया जा सकता है। बुनियादी ढांचे में अधिक बदलाव की जरूरत नहीं है।

यह मार्ग सिर्फ व्यापारिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म के अनुयायियों के लिए इस क्षेत्र का विशेष स्थान है। व्यापार के साथ-साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बल मिलेगा। यह कदम दोनों क्षेत्रों के बीच ऐतिहासिक संबंधों की नई शुरुआत है।

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