Kinnaur News: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले का लिप्पा गांव एक विशाल झील के कारण खतरे में है। चार सितंबर की भारी बारिश के बाद बनी इस झील ने पूरे गांव को खतरे में डाल दिया है। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए संज्ञान लिया है। अदालत ने इसे एक बड़ी लापरवाही का मामला माना है।
गांव वालों ने हाईकोर्ट को लिखे एक पत्र में अपनी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि यह झील प्राकृतिक नहीं बल्कि मानव निर्मित है। उनका आरोप है कि हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने प्रोजेक्ट का मलबा बरसाती नालों में डाल दिया। इससे नाले पूरी तरह बंद हो गए।
भारी बारिश के दौरान पानी को निकलने का रास्ता नहीं मिला। पानी इकट्ठा होकर एक विशाल झील में तब्दील हो गया। यह झील अब पूरे गांव के लिए खतरा बन गई है। गांव वाले इससे बहुत डरे हुए हैं।
हाईकोर्ट की खंडपीठ ने इस मामले को गंभीरता से लिया। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधवालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा ने गांव वालों के पत्र को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया। अदालत ने एचपीपीसीएल और संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किए।
अदालत ने किन्नौर के जिला अधिकारी को तुरंत कार्रवाई का निर्देश दिया। डीसी को मौके पर जाकर सभी जरूरी कदम उठाने के आदेश दिए गए। अदालत ने स्पष्ट किया कि लोगों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
सभी संबंधित विभागों को 16 अक्तूबर तक रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया गया। इस रिपोर्ट में उन्हें बताना होगा कि उन्होंने क्या कार्रवाई की है। साथ ही झील के पानी की सुरक्षित निकासी की योजना भी बतानी होगी।
अब सभी की नजरें प्रशासन और एचपीपीसीएल की ओर हैं। गांव वालों की सुरक्षा इसी पर निर्भर करती है। हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
