Himachal News: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में किन्नर कैलाश यात्रा इस बार 15 जुलाई से 30 अगस्त तक चलेगी। 45 दिनों की इस यात्रा में प्रतिदिन 350 श्रद्धालु शामिल हो सकेंगे। तांगलिंग गांव से शुरू होने वाली यह यात्रा 19,850 फुट ऊंचे शिवलिंग तक जाती है। पहले दिन की ऑनलाइन बुकिंग एक घंटे में पूरी हो गई। श्रद्धालुओं का उत्साह देख प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधाओं को और पुख्ता किया है।
तेजी से भर रहे स्लॉट
किन्नर कैलाश यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुक्रवार को शुरू हुआ। 15 से 20 जुलाई तक के स्लॉट एक घंटे में बुक हो गए। ऑनलाइन बुकिंग जिला प्रशासन की वेबसाइट पर सुबह 10:30 बजे से उपलब्ध है। ऑफलाइन पंजीकरण तांगलिंग में दोपहर 2 बजे से होगा। 175 ऑनलाइन, 125 ऑफलाइन और 50 पर्यटन एसोसिएशन कोटे के तहत यात्रियों को अनुमति मिलेगी। बिना पंजीकरण के यात्रा की अनुमति नहीं है।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
प्रशासन ने यात्रा मार्ग पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। 20 पुलिस और होमगार्ड जवान, सात वन विभाग कर्मी, तीन मेडिकल स्टाफ और एक चिकित्सक तैनात रहेंगे। छह सीसीटीवी कैमरे, 13 शौचालय और पीने के पानी की व्यवस्था भी की गई है। तांगलिंग, मोलिंग खट्टा और गुफा में बेस कैंप बनाए गए हैं। मेडिकल सर्टिफिकेट अनिवार्य है, जिसकी वैधता सात दिन होगी।
मेडिकल और पंजीकरण नियम
बिना वैध मेडिकल सर्टिफिकेट और पंजीकरण के किसी को यात्रा की अनुमति नहीं मिलेगी। तांगलिंग में सुबह 9:30 से शाम 4 बजे तक मेडिकल चेकअप की सुविधा है। श्रद्धालुओं को 200 रुपये ग्रीन टैक्स देना होगा। ऑनलाइन पंजीकरण वाले यदि सुबह 11 बजे तक नहीं पहुंचे, तो उनका स्लॉट रद्द हो जाएगा। प्रशासन ने नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
भोजन और ठहराव के रेट तय
यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए भोजन और सेवाओं के रेट तय किए गए हैं। फुल थाली 200 रुपये, मैगी 60 रुपये और चाय 20 रुपये प्रति कप होगी। गाइड की फीस 1500-2000 रुपये और पोर्टर शुल्क 1000 रुपये प्रति दिन है। मोलिंग खट्टा में बिना भोजन ठहराव 700 रुपये और भोजन सहित 1300 रुपये होगा। प्रशासन ने मनमानी वसूली रोकने के लिए यह कदम उठाया है।
