New Delhi News: हिंदू धर्म में शुभ और अशुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। साल के अंत में Kharmas 2025 की शुरुआत होने जा रही है। इस दौरान विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी। पंचांग के अनुसार, यह समय 16 दिसंबर 2025 से शुरू होगा। इस दिन सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे। यह अशुभ समय अगले साल 14 जनवरी तक जारी रहेगा।
कब से कब तक रहेगा खरमास?
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक साल में दो बार खरमास लगता है। इस बार Kharmas 2025 की अवधि 16 दिसंबर, मंगलवार से शुरू हो रही है। यह दौर 14 जनवरी 2026, मंगलवार तक चलेगा। मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में गोचर करेंगे। इसके साथ ही खरमास समाप्त हो जाएगा। इसके बाद ही शहनाइयां दोबारा गूंज सकेंगी और रुके हुए शुभ कार्य फिर से शुरू होंगे।
क्यों वर्जित हैं शुभ कार्य?
खरमास के दौरान शुभ कार्यों पर रोक के पीछे एक पौराणिक कथा है। कथा के अनुसार, सूर्यदेव सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर ब्रह्मांड की परिक्रमा करते हैं। लगातार चलने के कारण उनके घोड़े थक जाते हैं और उन्हें प्यास लगती है। सूर्यदेव अपने घोड़ों को आराम देने के लिए एक तालाब के किनारे रुकते हैं। लेकिन सृष्टि के नियम के अनुसार सूर्यदेव का रथ रुक नहीं सकता।
गधों ने खींचा सूर्य का रथ
तालाब के किनारे सूर्यदेव को दो गधे (खर) दिखाई देते हैं। वे थके हुए घोड़ों को आराम देने के लिए रथ में गधों को जोत देते हैं। गधों की गति घोड़ों के मुकाबले काफी धीमी होती है। इस वजह से सूर्यदेव का रथ धीमा पड़ जाता है और उनका प्रभाव कम हो जाता है। इसी एक महीने की अवधि को Kharmas 2025 कहा जाता है।
सूर्य का तेज और मांगलिक कार्य
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्यदेव का तेज उनके घोड़ों की गति पर निर्भर करता है। जब रथ गधे खींचते हैं तो सूर्य का तेज फीका पड़ जाता है। सूर्य को ऊर्जा और सफलता का कारक माना गया है। कमजोर सूर्य की स्थिति में किए गए कार्य शुभ फल नहीं देते। यही कारण है कि इस महीने में शादी-विवाह जैसे महत्वपूर्ण संस्कार नहीं किए जाते। मकर संक्रांति पर घोड़े वापस रथ संभालेंगे और शुभ समय लौटेगा।
