Punjab News: खन्ना पुलिस ने एक बड़े निवेश घोटाले का भंडाफोड़ किया है। ‘जेनरेशन ऑफ फार्मिंग’ नामक फर्म ने जैविक खेती के नाम पर हजारों लोगों को ठगा है। इस धोखाधड़ी में लगभग 170 करोड़ रुपये की रकम शामिल है। पुलिस ने अब तक आठ संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।
एसएसपी खन्ना डॉ. ज्योति यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में विस्तृत जानकारी दी। फर्म ने 23,000 से अधिक निवेशकों को लुभाया। उन्हें हर महीने आठ प्रतिशत रिटर्न का लालच दिया गया। साथ ही 25 महीनों में निवेश दोगुना करने का झूठा वादा किया गया।
कैसे काम करता था घोटाला
यह गिरोह जैविक उत्पादन और वर्मीकम्पोस्ट आपूर्ति के नाम पर लोगों को फंसाता था। बागवानी परियोजनाओं के झूठे दावे किए जाते थे। सोशल मीडिया और स्थानीय परिषदों का इस्तेमाल करके लोगों का विश्वास जीता जाता था। कई पंजीकृत और अपंजीकृत कंपनियों के माध्यम से जाल फैलाया गया।
पुलिस ने तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं। इनमें धारा 318(4), 316(2), 338 और 336(3) जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं। समराला थाने में ये मुकदमे दर्ज किए गए हैं। जांच तेजी से आगे बढ़ रही है।
बरामद हुआ महत्वपूर्ण सबूत
पुलिस ने फर्म के कार्यालयों से लैपटॉप, मॉनिटर और मोबाइल फोन बरामद किए। महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर भी जब्त किए गए। कुल 44 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है। इनमें 21 फर्म खाते और 23 व्यक्तिगत खाते शामिल हैं।
जांच के दौरान 1.15 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त की गई। छह बेनामी संपत्तियों की पहचान की गई है। इन्हें जल्द ही कानूनी प्रक्रिया के तहत जब्त कर लिया जाएगा।
जांच के नए खुलासे
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि फर्म ने प्रतिनिधियों के आवासों का इस्तेमाल खाते खोलने के लिए किया। उद्यम प्रमाणपत्रों का दुरुपयोग करके अनुबंधों के आधार पर कई खाते खोले गए। फर्म से जुड़ी नौ अन्य संस्थाओं के रिकॉर्ड भी प्राप्त किए गए हैं।
एसएसपी यादव ने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ आर्थिक धोखाधड़ी नहीं है। यह एक गंभीर अपराध का मामला है। फर्म की कुल देनदारी 55 करोड़ रुपये से अधिक है।
पीड़ितों से अपील
पुलिस ने पीड़ितों से सोशल मीडिया के माध्यम से जांच में शामिल होने की अपील की है। एसआईटी टीम पीड़ितों के बयान दर्ज कर रही है। अधिकारियों ने निवेशकों से सतर्क रहने की सलाह दी है।
उन्होंने कहा कि किसी भी अज्ञात योजना में तुरंत पैसा न लगाएं। किसी भी वादे के लिए लिखित में आवेदन करें। संदिग्ध लेनदेन की सूचना तुरंत पुलिस को दें। पुलिस ने आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
