London News: यूनाइटेड किंगडम की राजधानी लंदन में खालिस्तानी समर्थकों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा का अपमान किया है। रविवार को टैविस्टॉक स्क्वायर स्थित इस ऐतिहासिक प्रतिमा पर अपशब्द लिखे गए। यह घटना अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चिंता का विषय बन गई है। स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
महात्मा गांधी की इस कांस्य प्रतिमा का अनावरण वर्ष 1968 में किया गया था। यह उनकी जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में स्थापित की गई थी। प्रसिद्ध पोलिश मूर्तिकार फ्रेड्डा ब्रिलियंट ने इस प्रतिमा का निर्माण किया था। दशकों से यह प्रतिमा लंदनवासियों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रही है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
यह पहली बार नहीं है जब खालिस्तानी तत्वों ने गांधी प्रतिमा का अपमान किया है। पिछले कुछ वर्षों में कनाडा, इटली और यूके जैसे देशों में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं। हर बार अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इन कार्यों की निंदा की है। भारत सरकार ने भी इस घटना पर गहरी नाराजगी जताई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना ब्रिटेन में खालिस्तानी प्रभाव के बढ़ते खतरे को उजागर करती है। जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूके यात्रा के दौरान भारत ने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता जताई थी। द्विपक्षीय वार्ता में खालिस्तानी गतिविधियों और यूके स्थित भगोड़ों पर चर्चा हुई थी।
ऐतिहासिक महत्व
टैविस्टॉक स्क्वायर स्थित गांधी प्रतिमा लंदन की सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह प्रतिमा शांति और अहिंसा के संदेश का प्रतीक है। हर साल हजारों पर्यटक इस प्रतिमा को देखने आते हैं। लंदन नगर निगम इस प्रतिमा के रखरखाव का विशेष ध्यान रखता है।
स्थानीय निवासियों ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उनका कहना है कि ऐसे कार्य समाज में सद्भाव को नुकसान पहुंचाते हैं। कई समुदायों के प्रतिनिधियों ने इसकी कड़ी निंदा की है। उन्होंने प्रशासन से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की है।
राजनयिक संबंधों पर प्रभाव
यह घटना भारत और यूके के बीच राजनयिक संबंधों पर सवाल खड़े कर रही है। भारत ने स्पष्ट किया है कि यूके समेत अन्य देशों में खालिस्तानी समर्थकों की मौजूदगी सामाजिक एकता को कमजोर करती है। भारतीय दूतावास ने ब्रिटिश अधिकारियों से त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
ब्रिटिश पुलिस ने घटना स्थल से सबूत एकत्र किए हैं। सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि दोषियों की पहचान करने के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्थानीय लोगों से सहयोग की अपील की है।
पूर्व में हुई ऐसी घटनाएं
यह लंदन में गांधी प्रतिमा का पहला अपमान नहीं है। इससे पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। हर बार स्थानीय प्रशासन ने प्रतिमा की शीघ्र सफाई कराई है। सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के भी वादे किए गए हैं।
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने इस घटना को व्यापक कवरेज दिया है। कई अखबारों और समाचार चैनलों ने इसे प्रमुखता से दिखाया है। सोशल मीडिया पर भी इसकी व्यापक प्रतिक्रिया आई है। लोगों ने इस कार्य की कड़ी निंदा की है।
ब्रिटिश संसद के कुछ सदस्यों ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है। उन्होंने सरकार से खालिस्तानी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की है। उनका कहना है कि ऐसी घटनाएं देश की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं। सरकार ने इस संबंध में गंभीरता दिखाई है।
