शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

खालिस्तान: ब्रिटेन का बड़ा प्रहार, बब्बर खालसा समर्थक की संपत्ति जब्त, भारत को मिली बड़ी जीत

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London News: ब्रिटेन सरकार ने खालिस्तान समर्थकों और आतंकी फंडिंग के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने पहली बार अपने घरेलू आतंकवाद विरोधी कानून का इस्तेमाल किया है। इसके तहत एक ब्रिटिश सिख बिजनेसमैन और उससे जुड़े संगठन पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं। यह कार्रवाई प्रतिबंधित आतंकी समूह बब्बर खालसा की फंडिंग रोकने के लिए की गई है। इस फैसले से भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों को कड़ा संदेश मिला है।

बिजनेसमैन की संपत्ति होगी जब्त

ब्रिटेन के वित्त विभाग ने गुरप्रीत सिंह रेहल और ‘बब्बर अकाली लहर’ संगठन के खिलाफ कार्रवाई की घोषणा की है। गुरप्रीत सिंह रेहल ‘पंजाब वारियर्स’ नामक निवेश फर्म से जुड़े हैं।
सरकार ने रेहल पर ये प्रतिबंध लगाए हैं:

  • उनकी सारी संपत्ति जब्त (Freeze) की जाएगी।
  • उन्हें किसी भी कंपनी में निदेशक बनने के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
  • उन पर भारत में सक्रिय आतंकी संगठनों से जुड़े होने का गहरा संदेह है।
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बब्बर अकाली लहर पर भी शिकंजा

सरकार ने सिर्फ व्यक्ति ही नहीं, बल्कि संस्थाओं पर भी चोट की है। ‘बब्बर अकाली लहर’ नामक संगठन की संपत्ति भी जब्त करने का आदेश दिया गया है। यह संगठन खालिस्तान समर्थक बब्बर खालसा को बढ़ावा देने और उसकी मदद करने का काम करता था। ब्रिटेन की एजेंसियों का मानना है कि ऐसे संगठनों की मदद से ही आतंकी गतिविधियों के लिए पैसा जुटाया जा रहा था।

ब्रिटेन की मंत्री ने दी सख्त चेतावनी

ब्रिटेन की वित्त मंत्री लूसी रिग्बी ने इस कार्रवाई को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि आतंकी ब्रिटेन की वित्तीय प्रणाली का गलत फायदा नहीं उठा सकते।
लूसी रिग्बी ने कहा:

  • “हम चुप नहीं बैठेंगे अगर आतंकी हमारे सिस्टम का दुरुपयोग करेंगे।”
  • “आतंकवाद की फंडिंग रोकने के लिए हम हर संभव तरीका अपनाएंगे।”
  • “यह मायने नहीं रखता कि फंडिंग कहां हो रही है या कौन कर रहा है।”
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यह कार्रवाई दर्शाती है कि ब्रिटेन अब खालिस्तान समर्थक उग्रवाद और टेरर फंडिंग को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहा है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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