मंगलवार, दिसम्बर 30, 2025

Khaleda Zia Death: बांग्लादेश की ‘लौह महिला’ का निधन, अपने पीछे छोड़ गईं कितनी संपत्ति? जानिए पाई-पाई का हिसाब

Share

Dhaka News: बांग्लादेश की राजनीति का एक बड़ा और दमदार अध्याय आज हमेशा के लिए बंद हो गया। देश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया (Khaleda Zia) का मंगलवार को निधन हो गया। उन्होंने 80 साल की उम्र में ढाका के एवरकेयर अस्पताल में अंतिम सांस दी। वह लंबे समय से लिवर, किडनी और दिल की बीमारियों से जूझ रही थीं। उनके निधन से बांग्लादेश की राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके जाने के बाद अब उनकी संपत्ति और विरासत को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

कितनी संपत्ति छोड़ गईं खालिदा जिया?

खालिदा जिया अपने पीछे कितनी दौलत छोड़ गई हैं, इसका कोई ताजा सरकारी आंकड़ा मौजूद नहीं है। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स में उनकी नेटवर्थ लाखों डॉलर में बताई जाती है। साल 2018 के चुनावी हलफनामे से उनकी कमाई का पता चलता है। उस समय उनकी सालाना आय करीब 1.52 करोड़ टका (बांग्लादेशी मुद्रा) थी। इसमें से बड़ा हिस्सा उन्हें घर और दुकानों के किराए से मिलता था।

यह भी पढ़ें:  ऑपरेशन सिंदूर: आज भी बंद है पाकिस्तान का रहीम यार एयरबेस, ब्रह्मोस मिसाइल के जख्म अभी तक नहीं भरे

बैंक बैलेंस और गहनों का हिसाब

हलफनामे के मुताबिक, खालिदा जिया के पास नकद रकम कम थी, लेकिन बैंकों में पैसा जमा था। उनके पास करीब 50 हजार टका कैश और बैंकों में 4.77 करोड़ टका जमा थे। इसके अलावा, उनके पास लाखों रुपये की गाड़ियां और इलेक्ट्रॉनिक सामान भी था। उनकी कमाई का एक जरिया शेयर बाजार और सेविंग सर्टिफिकेट्स भी थे। हालांकि, उन पर कुछ कर्ज की देनदारी भी बताई गई थी।

बेटे की वापसी के 5 दिन बाद तोड़ा दम

यह एक दुखद संयोग है कि खालिदा जिया ने अपने बड़े बेटे तारिक रहमान की वापसी के महज पांच दिन बाद दुनिया छोड़ दी। तारिक रहमान 17 साल बाद लंदन से 25 दिसंबर को ही ढाका लौटे थे। मां और बेटे का यह मिलन बेहद भावुक था। बता दें कि उनके छोटे बेटे अराफात रहमान का निधन 2015 में ही हो गया था। बेटे के लौटने के बाद ही उन्होंने सुकून से अंतिम विदाई ली।

यह भी पढ़ें:  चीन: दुनिया का पहला थोरियम से चलने वाला परमाणु कंटेनर जहाज, 14,000 कंटेनर ले जाने की क्षमता

घरेलू महिला से प्रधानमंत्री तक का सफर

खालिदा जिया का जीवन संघर्षों से भरा रहा। वह एक साधारण गृहिणी थीं। लेकिन पति और पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की हत्या के बाद उन्होंने घर की दहलीज पार की। उन्होंने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की कमान संभाली। साल 1991 में वह बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। उन्होंने देश पर दो बार शासन किया।

शेख हसीना से रही पुरानी दुश्मनी

बांग्लादेश की राजनीति में खालिदा जिया और शेख हसीना की दुश्मनी जगजाहिर है। इसे ‘बैटल ऑफ बेगम्स’ कहा जाता था। दोनों ने कभी सैन्य शासन के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़ी थी। लेकिन बाद में वे एक-दूसरे की कट्टर दुश्मन बन गईं। साल 2018 में भ्रष्टाचार के मामलों में खालिदा को जेल भी जाना पड़ा। अगस्त 2024 में शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद ही उन्हें रिहाई मिली थी।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News