Kerala News: केरल के पथानामथिट्टा जिले से एक चौंकाने वाला और भयावह मामला सामने आया है। एक दलित समुदाय की एथलीट लड़की के साथ 64 लोगों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म किए जाने का खुलासा हुआ है। इस हैवानियत के सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन भी सकते में है। पुलिस ने मामले की गहन जाँच शुरू कर दी है और अब तक 15 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, इस जघन्य अपराध में कोच, साथी एथलीट और सहपाठी सहित कई लोग शामिल हो सकते हैं।
64 लोगों पर लगा दुष्कर्म का आरोप, जांच के लिए विशेष टीम गठित
इस सनसनीखेज केरल दुष्कर्म मामला में कुल 64 लोगों के शामिल होने का संदेह है, जिनमें से छह लोगों को पहले गिरफ्तार किया गया था। शनिवार को केरल पुलिस ने बताया कि नौ अन्य संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, जिसके बाद कुल हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या 15 हो गई है। पथानामथिट्टा के दो पुलिस स्टेशनों में इस संबंध में पाँच अलग-अलग प्राथमिकियाँ (FIR) दर्ज की गई हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जांच में ऐसे सबूत मिले हैं जिनसे पता चलता है कि लड़की के साथ 13 साल की उम्र से बार-बार बलात्कार किया गया। बाल कल्याण समिति (CWC) के अनुसार, यह घटनाएँ तब शुरू हुईं जब लड़की नाबालिग थी।
पीड़िता के फोन और डायरी से हुए अहम खुलासे
पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि लड़की के बयान और उपलब्ध डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। लड़की ने संदिग्धों से बातचीत करने के लिए अपने पिता के मोबाइल फोन का उपयोग किया था। पुलिस को फोन के कॉल डिटेल्स और लड़की की डायरी से अहम जानकारी मिली है। इन जानकारियों की पुष्टि के बाद 40 संदिग्धों की पहचान की गई है।
अधिकारियों ने आगे बताया कि इस केरल दुष्कर्म मामला में 60 से अधिक लोगों के शामिल होने का संदेह है और जिले के विभिन्न थानों में कई प्राथमिकियाँ दर्ज की गई हैं। पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की कि बलात्कार की घटना के संबंध में अब तक कुल पाँच प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं और और गिरफ्तारियाँ होने की संभावना है।
आरोपियों पर लगेगा पॉक्सो और एससी/एसटी एक्ट
चूंकि ये सभी घटनाएँ उस समय हुईं जब पीड़िता नाबालिग थी, इसलिए आरोपियों के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO Act) और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराएं भी लगाई जाएंगी। पथानामथिट्टा बाल कल्याण समिति (CWC) ने इस बात की आशंका जताई है कि जिले के बाहर के व्यक्ति भी इस केरल दुष्कर्म मामला में शामिल हो सकते हैं।
यह चौंकाने वाला मामला तब सामने आया जब लड़की के शिक्षकों ने उसके व्यवहार में बदलाव देखा और बाल कल्याण समिति को सूचित किया। समिति द्वारा की गई गहन काउंसलिंग के दौरान सामूहिक दुष्कर्म का यह पूरा मामला उजागर हुआ। इसके बाद समिति ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और जांच शुरू की गई। पुलिस ने मामले की विस्तृत जांच के लिए पथानामथिट्टा के पुलिस उपाधीक्षक (DSP) की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। पीड़िता को गहन परामर्श के लिए एक मनोवैज्ञानिक के पास भेजा गया है।
