Madhya Pradesh News: कटनी जिले के स्लीमनाबाद थाना क्षेत्र में एक दलित युवक के साथ हुई अमानवीय घटना के सभी चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ग्राम सरपंच रामानुज पाण्डेय, रामबिहारी हल्दकार, सतीश पाण्डेय और पवन पाण्डेय को रविवार रात नेशनल हाईवे पर घेरकर गिरफ्तार किया गया। वे जबलपुर भागने की कोशिश कर रहे थे।
पुलिस ने चारों आरोपियों की गिरफ्तारी में सहायता के लिए 10,000 रुपये का इनाम घोषित किया था। सभी आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता और एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जा चुका है।
अवैध खनन के विरोध से शुरू हुआ विवाद
यह पूरा मामला गांव में चल रहे अवैध खनन के विरोध से शुरू हुआ। पीड़ित दलित युवक राजकुमार चौधरी ने ग्राम पंचायत मटवारा में कथित भ्रष्टाचार और अवैध मुरम उत्खनन के खिलाफ आवाज उठाई थी। उन्होंने सूचना का अधिकार और सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से कई शिकायतें दर्ज कराई थीं।
13 अक्टूबर को ग्राम पंचायत भवन निर्माण को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद हुआ। इसी विवाद के बाद आरोपियों ने पीड़ित युवक और उसकी मां के साथ मारपीट की। पीड़ित के अनुसार सरपंच के बेटे पवन पाण्डेय ने उस पर पेशाब किया और जातिसूचक गालियां दीं।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
घटना के बाद पीड़ित युवक कटनी जिला अस्पताल में तीन दिन तक भर्ती रहा। उसने सीधे पुलिस अधीक्षक से मिलकर न्याय की गुहार लगाई। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 16 अक्टूबर को चारों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
एडिशनल एसपी डॉ. संतोष डेहरिया ने पुष्टि की कि आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है। पुलिस ने पीड़ित युवक की सुरक्षा के लिए उसके घर पर पुलिस बल तैनात कर दिया है। जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।
सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया
इस मामले ने स्थानीय स्तर पर तनाव पैदा कर दिया है। सवर्ण समाज और सरपंच संगठन ने आरोप लगाया कि यह मामला पुरानी रंजिश का परिणाम है। उनका दावा है कि पुलिस ने बिना साक्ष्य के ही गंभीर धाराएं लगा दी हैं।
संगठनों ने ज्ञापन देकर चेतावनी दी कि यदि जल्द ही जांच कर फर्जी धाराएं नहीं हटाई गईं तो वे थाना घेराव और चक्का जाम करेंगे। उनकी मांग है कि पहले जांच हो फिर गिरफ्तारी की जाए।
पीड़ित की सक्रिय भूमिका
राजकुमार चौधरी पहले ग्राम पंचायत में मेट रह चुके हैं। पद से हटाए जाने के बाद उन्होंने ग्राम पंचायत के कामकाज में अनियमितताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने आरटीआई और सीएम हेल्पलाइन के जरिए शिकायतें दर्ज कराईं।
जानकारी न मिलने पर उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका भी दायर की थी। कोर्ट ने पंचायती ग्रामीण विकास विभाग को नोटिस जारी किया था। पीड़ित का कहना है कि उनकी इन्हीं शिकायतों के कारण उनके साथ यह वारदात हुई।
पुलिस जांच की स्थिति
पुलिस के अनुसार मूत्र विसर्जन से संबंधित साक्ष्य अभी तक उपलब्ध नहीं कराए जा सके हैं। पुलिस ने आम जन से इस संबंध में कोई भी साक्ष्य उपलब्ध कराने की अपील की है। जांच टीम इस मामले की हर पहलू की छानबीन कर रही है।
स्लीमनाबाद थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम गठित की गई थी। यह टीम लगातार आरोपियों के संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही थी। अब गिरफ्तारी के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई है।
