शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

Kashmir: 40 दिन का ‘चिल्लेकलां’ शुरू, -6 डिग्री में जमी डल झील, कांप उठी घाटी

Share

Srinagar News: कश्मीर में सर्दी का सबसे कठोर दौर शुरू होने वाला है। रविवार रात से ‘चिल्लेकलां’ (Chilla-i-Kalan) की शुरुआत हो जाएगी। यह 40 दिनों तक चलने वाला कड़ाके की ठंड का समय है। इस दौरान पूरी घाटी शीतलहर की चपेट में रहती है। कश्मीर के मशहूर डल झील का पानी जमने लगा है। तापमान शून्य से 6 डिग्री नीचे लुढ़क गया है। मौसम विभाग ने फिलहाल मौसम साफ रहने की बात कही है। हालांकि, 22 दिसंबर से बर्फबारी की उम्मीद जताई गई है।

कश्मीर में चिल्लेकलां का मतलब

चिल्लेकलां एक फारसी शब्द है। इसका अर्थ होता है ‘प्रचंड ठंड’। कश्मीर में यह अवधि 21 दिसंबर से शुरू होती है। यह 31 जनवरी तक चलती है। इन 40 दिनों में सर्दी अपने चरम पर होती है। जल स्रोत जम जाते हैं। नल में पानी भी बर्फ बन जाता है। इस दौरान भारी बर्फबारी की संभावना सबसे ज्यादा होती है। घाटी के लोग इस सूखी ठंड के खत्म होने और बर्फबारी का इंतजार कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें:  नमक की अधिकता: भारत में बढ़ता हृदय रोगों का खतरा, ICMR की चेतावनी

तीन चरणों में आती है सर्दी

कश्मीर में सर्दियों का मौसम तीन हिस्सों में बंटा होता है।

  • चिल्लेकलां: यह सबसे मुश्किल दौर है। यह 40 दिन चलता है।
  • चिल्ले खुर्द: यह 20 दिनों का होता है। इसमें ठंड थोड़ी कम होती है।
  • चिल्ले बच्चा: यह आखिरी 10 दिन का चरण है। इसमें हल्की ठंड रहती है।

इसके बाद ही घाटी में तापमान चढ़ना शुरू होता है। मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार नवंबर और दिसंबर ज्यादातर सूखे रहे हैं।

डल झील और जनजीवन पर असर

श्रीनगर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। डल झील के कई हिस्से जम गए हैं। स्थानीय निवासी अब्दुल रहीम ने बताया कि ठंड बहुत ज्यादा है। झील की अंदरूनी परतें सख्त हो गई हैं। कश्मीर के सभी पर्यटन स्थलों पर पारा माइनस में है। लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं। सूखी ठंड के कारण बीमारियां बढ़ने का खतरा भी बना रहता है।

यह भी पढ़ें:  बैंक न्यूज: 4 दिन में निपटा लें ये जरूरी काम, वरना रुक जाएगी पेंशन और फ्रिज हो जाएगा खाता

बिजली और पानी का संकट

सर्दी बढ़ते ही कश्मीर के लोगों की चुनौतियां बढ़ गई हैं। बिजली की आंख-मिचौली जारी है। कई इलाकों में घंटों तक बिजली गुल रहती है। पाइपलाइनों में पानी जमने से पीने के पानी की किल्लत हो गई है। बाजार में हीटिंग उपकरणों और गर्म कपड़ों की मांग बढ़ गई है। कालाबाजारी के कारण महंगाई भी लोगों को सता रही है। ईंधन और खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ गए हैं।

प्रशासन से मदद की गुहार

पुराने शहर के लोगों का कहना है कि अब सर्दी का मजा नहीं, सजा मिलती है। बुनियादी सुविधाओं की कमी ने जीवन मुश्किल बना दिया है। लोग एक-दूसरे की मदद कर ठंड से बच रहे हैं। कश्मीर के निवासियों ने प्रशासन से गुहार लगाई है। उन्होंने बिजली और पानी की सप्लाई सुधारने की मांग की है। साथ ही कालाबाजारी रोकने की अपील भी की है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News