Karur News: तमिलनाडु के करूर में शनिवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ। अभिनेता और तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) प्रमुख विजय की राजनीतिक रैली में भगदड़ मच गई। इस घटना में 39 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। मृतकों में 10 बच्चे और 12 से 16 महिलाएं शामिल हैं। करीब 95 लोग अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से 51 की हालत गंभीर बताई जा रही है। मौत का आंकड़ा और बढ़ने की आशंका है।
भगदड़ की वजह क्या रही?
यह हादसा कई कारणों से हुआ। विजय की रैली के लिए केवल 10,000 लोगों की अनुमति थी, लेकिन करीब 50,000 लोग जमा हो गए। विजय तय समय से लगभग 6 घंटे की देरी से शाम 7:40 बजे रैली स्थल पर पहुंचे। इस दौरान एक नौ साल की बच्ची के गुम होने की अफवाह फैली। विजय ने मंच से ही उसे ढूंढने की अपील की, जिसके बाद भीड़ एक साथ हिलने लगी और भगदड़ मच गई। भीषण गर्मी और दमघोंटू हालात में कई लोग बेहोश होकर गिर पड़े।
विजय और प्रशासन की प्रतिक्रिया
हालात बिगड़ते देख विजय ने अपना भाषण रोक दिया। उन्होंने लोगों से शांत रहने और एंबुलेंस के लिए रास्ता छोड़ने की अपील की। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना दुख जताया और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। घटनास्थल पर 2000 पुलिसकर्मी तैनात थे, लेकिन भीड़ को नियंत्रित नहीं किया जा सका। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि एंबुलेंस को घटनास्थल तक पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने की कार्रवाई
मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने घटना को चिंताजनक बताया। उन्होंने तुरंत राहत और बचाव कार्य तेज करने के आदेश दिए। स्टालिन ने मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये और घायलों को 1-1 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की। इस घटना की जांच के लिए एक सदस्यीय आयोग गठित किया गया है। इस आयोग की अध्यक्षता हाई कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरुणा जगदीसन करेंगी।
राष्ट्रीय स्तर पर मिली प्रतिक्रिया
इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम स्टालिन से फोन पर बात कर हालात का जायजा लिया। गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु सरकार से इस घटना की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। विपक्षी दलों ने रैली के भीड़ प्रबंधन में गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं।
पीड़ितों और गवाहों ने सुनाई तकलीफ
घटना के गवाहों ने बताया कि लोग घंटों भूखे-प्यासे इंतजार करते रहे। एक गवाह नंद कुमार ने कहा कि भीड़ को रोकना किसी के बस में नहीं था। एक पीड़ित के रिश्तेदार ने बताया कि उनके भाई के बेटे की मौत हो गई है और भाभी आईसीयू में हैं। अस्पतालों में मातम पसरा हुआ है। करूर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की टीमें घायलों के इलाज में जुटी हुई हैं। आसपास के जिलों से भी अतिरिक्त मेडिकल स्टाफ की मदद ली गई है।
