Karnataka News: कर्नाटक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को लेकर राजनीतिक तनाव बढ़ गया है। संघ समर्थकों ने मंगलवार को मांड्या जिले में ‘आई लव आरएसएस’ अभियान शुरू किया। स्वयंसेवकों ने हाथों में पोस्टर लेकर नारे लगाए और सरकार की आलोचना की। यह विरोध प्रदर्शन मंत्री प्रियांक खरगे के उस पत्र के बाद शुरू हुआ है जिसमें उन्होंने आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया था।
मांड्या में विरोध प्रदर्शन
संघ समर्थकों ने मांड्या शहर के डाकघर के सामने पोस्टर अभियान की शुरुआत की। उन्होंने वाहनों और दुकानों पर ‘आई लव आरएसएस’ के पोस्टर लगाए। पोस्टरों पर लिखा था कि जो लोग आरएसएस से प्रेम करते हैं, वे देश प्रेमी हैं। प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाकर सरकार के रवैये का विरोध किया। उनका कहना था कि आरएसएस देशभक्ति का प्रतीक है और उस पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव अनुचित है।
मंत्री खरगे को धमकियां
मंत्री प्रियांक खरगे ने मंगलवार को बताया कि आरएसएस पर सवाल उठाने के बाद उन्हें और उनके परिवार को धमकियां मिल रही हैं। पिछले दो दिनों से उन्हें गालियों और धमकी भरे संदेश मिल रहे हैं। खरगे ने सार्वजनिक स्थलों और शैक्षणिक संस्थानों में आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया था। इस सुझाव ने राज्य में राजनीतिक बहस छेड़ दी है।
विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया
भाजपा विधायक एसआर विश्वनाथ ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने खरगे को आरएसएस पर हमले करने की ‘सुपारी’ दी है। उन्होंने मंत्री को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें आरएसएस के बारे में कुछ नहीं पता। एमएलसी सीटी रवि ने कहा कि खरगे आरएसएस की आलोचना करके अपना कारोबार बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्षी नेताओं ने सरकार के रवैये की कड़ी आलोचना की।
मुख्यमंत्री को पत्र
प्रियांक खरगे ने मुख्यमंत्री सिद्दरमैया को एक पत्र लिखकर सार्वजनिक स्थलों और शैक्षणिक संस्थानों में आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया था। इस पत्र ने राज्य में राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। खरगे का कहना है कि उनका उद्देश्य संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करना है। हालांकि इस सुझाव का विभिन्न राजनीतिक दलों ने विरोध किया है।
राजनीतिक तनाव
कर्नाटक में आरएसएस को लेकर राजनीतिक माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच इस मुद्दे पर तीखी बहस जारी है। संघ समर्थकों ने चेतावनी दी है कि वे सरकार के किसी भी प्रतिबंधात्मक कदम का विरोध करेंगे। राज्य सरकार अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक निर्णय नहीं ले पाई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा बलों को अलर्ट कर दिया गया है।
