Karnataka News: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में सत्ता परिवर्तन को लेकर राजनीतिक संकट गहरा रहा है। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थक विधायकों ने उन्हें अगला मुख्यमंत्री बनाने की मांग को लेकर दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान से मुलाकातें शुरू कर दी हैं। रमणगर के विधायक इकबाल हुसैन ने तो यहां तक दावा किया है कि शिवकुमार “200 फीसदी” अगले मुख्यमंत्री बनेंगे। हालांकि, इस पूरे मामले में कांग्रेस की केंद्रीय नेतृत्व ने अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है।
शिवकुमार समर्थक विधायकों के एक समूह ने हाल ही में दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की। इन विधायकों ने पार्टी हाईकमान से मुख्यमंत्री पद को लेकर जल्द फैसला लेने की मांग की है। मगड़ी के विधायक एचसी बालकृष्ण ने कहा कि इस भ्रम के कारण पार्टी को नुकसान हो रहा है और हाईकमान को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए 。
सत्ता साझेदारी के कथित समझौते की चर्चा
राजनीतिक गलियारों में 2023 में हुए एक कथित समझौते की चर्चा तेज हो गई है। माना जा रहा है कि सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच ढाई-ढाई साल के सत्ता रोटेशन का फॉर्मूला तय हुआ था। 20 नवंबर को सरकार के ढाई साल पूरे होने के साथ ही यह चर्चा और गर्मा गई है 。 शिवकुमार ने हाल में एक बयान में इस समझौते को “4-5 लोगों के बीच का गुप्त समझौता” बताया था और कहा था कि वह इस पर सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं करना चाहते 。
सिद्धारमैया ने हाईकमान पर छोड़ा फैसला
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस पूरे मामले में तटस्थ रुख अपनाते हुए कहा है कि अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान करेगी और वह उसका पालन करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस भ्रम को जल्द खत्म करने का अनुरोध करते हैं 。 सिद्धारमैया ने विधायकों के दिल्ली दौरे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन उन्होंने कैबिनेट फेरबदल का प्रस्ताव रखा है, जिसे राजनीतिक विश्लेषक एक सियासी चाल मान रहे हैं 。
खरगे बोले – हाईकमान करेगा फैसला
कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मुद्दे पर सार्वजनिक बहस से परहेज किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नेतृत्व परिवर्तन जैसे मामलों पर अंतिम निर्णय हाईकमान द्वारा ही लिया जाएगा 。 खरगे के इस रुख ने कर्नाटक कांग्रेस में अनिश्चितता की स्थिति बनाए रखी है। उन्होंने बेंगलुरु में शिवकुमार के साथ हवाई अड्डे तक साथ यात्रा की, जिसे राजनीतिक हलकों में अहम माना जा रहा है 。
विधायकों ने जताई अलग-अलग मांगें
शिवकुमार समर्थक विधायकों ने हाईकमान के सामने कई मांगें रखी हैं। मड्डूर के विधायक के एम उदय ने बताया कि उन्होंने कैबिनेट विस्तार में युवाओं और नए चेहरों को मौका देने की मांग की है 。 कुछ विधायकों का कहना है कि उनकी मुख्य मांग सत्ता परिवर्तन के मुद्दे पर भ्रम की स्थिति को तुरंत साफ किया जाए 。 विधायकों के एक समूह ने तो यहां तक कहा कि वे तब तक दिल्ली में डटे रहेंगे, जब तक हाईकमान उनकी बात नहीं सुनता।
शिवकुमार ने जताया पार्टी के प्रति समर्पण
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने इस पूरे विवाद में संयम बरतते हुए पार्टी एकता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि वह पार्टी को किसी भी तरह की शर्मिंदगी में नहीं डालना चाहते 。 शिवकुमार ने विधायकों के दिल्ली दौरे से स्वयं को दूर रखा और कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि संभवतः विधायक मंत्री पद की मांग लेकर दिल्ली गए होंगे 。
भाजपा ने उड़ाया कांग्रेस का मजाक
विपक्षी भाजपा ने कांग्रेस की इस आंतरिक कलह का राजनीतिक फायदा उठाते हुए उसका मजाक उड़ाया है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक तोते से भविष्यवाणी कराकर कांग्रेस पर व्यंग्य किया 。 भाजपा नेता चलवाडी नारायणस्वामी ने कांग्रेस पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए कहा कि कथित तौर पर 50 करोड़ रुपये और फ्लैट का लालच दिया जा रहा है 。
हाईकमान के सामने मुश्किल चुनौती
कर्नाटक कांग्रेस के सामने यह संकट ऐसे वक्त आया है जब पार्टी केंद्र में बिहार चुनाव में हार के बाद पहले ही कमजोर हुई है 。 हाईकमान के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती दोनों नेताओं के बीच संतुलन बनाते हुए पार्टी एकता को कायम रखने की है। कैबिनेट फेरबदल और नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर हाईकमान का फैसला कर्नाटक की राजनीति की दिशा तय करेगा 。
