शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

कर्नाटक: खड़गे ने दी ‘सब ठीक होगा’ की गारंटी, दोनों धड़ों में मची खलबली; जानें क्या है पूरा मामला

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Karnataka News: कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच चल रही तनातनी ने एक नया मोड़ ले लिया है। रमन्नागर विधायक इकबाल हुसैन ने दावा किया है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शिवकुमार के समर्थकों को ‘सब ठीक होगा’ का आश्वासन दिया है। हुसैन शिवकुमार के खुले समर्थकों में से एक हैं।

इकबाल हुसैन ने इंटरव्यू में बताया कि खड़गे ने शिवकुमार समर्थक विधायकों की राय जानी है। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर कोर नेतृत्व से विचार विमर्श करने का वादा किया है। हुसैन के मुताबिक खड़गे ने इसके लिए एक सप्ताह का समय मांगा है।

शिवकुमार के हक में दिए तर्क

हुसैन ने शिवकुमार को मुख्यमंत्री पद का हकदार बताया। उन्होंने कहा कि शिवकुमार ने पार्टी को सत्ता में लाने के लिए कड़ी मेहनत की है। उन्होंने पार्टी हाई कमान और सिद्धारमैया से शिवकुमार को मौका देने का अनुरोध किया है। हुसैन ने कहा कि वे न्याय मिलने की उम्मीद करते हैं।

सिद्धारमैय पर भी जताया भरोसा

हुसैन ने सिद्धारमैया के बारे में भी संतुलित रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया एक अच्छे, ईमानदार और वफादार व्यक्ति हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि सिद्धारमैया स्थिति को समझेंगे और उसका सम्मान करेंगे। यह बात शिवकुमार के छोटे भाई डीके सुरेश ने भी पहले कही थी।

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दिल्ली पहुंचे समर्थक

हुसैन उन कर्नाटक विधायकों में शामिल हैं जो गुरुवार रात दिल्ली पहुंचे थे। कृषि मंत्री एन चलुवरायस्वामी भी इस दल का हिस्सा थे। आज और भी कम से कम एक दर्जन विधायकों के दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है। इससे साफ है कि दोनों धड़े अपनी ताकत दिखाने में जुट गए हैं।

सिद्धारमैया धड़े का क्या है तर्क

सिद्धारमैया के समर्थक गृह मंत्री जी परमेश्वरा और लोक निर्माण मंत्री सतीश जारिकोहली ने साफ किया है। उन्होंने 2023 के चुनाव के बाद जारी पत्र का हवाला दिया है। इस पत्र में सिद्धारमैया के पांच साल तक मुख्यमंत्री रहने की बात कही गई थी। सिद्धारमैया खुद भी लगातार कहते रहे हैं कि वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगे।

क्यों महत्वपूर्ण है यह समय

शिवकुमार समर्थकों का दिल्ली दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 20 नवंबर को सिद्धारमैय का कार्यकाल आधा पूरा हुआ है। ऐसी अटकलें हैं कि इसी समय मुख्यमंत्री पद बदलने का समझौता हुआ था। हालांकि पार्टी ने कभी भी ऐसे किसी समझौते की पुष्टि नहीं की है।

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पार्टी में पहले भी हुई है बातचीत

जून में पार्टी के ट्रबलशूटर रणदीप सुरजेवाला ने इस मामले में हस्तक्षेप किया था। सुरजेवाला ने साफ किया था कि पार्टी की कर्नाटक में नेता बदलने की कोई योजना नहीं है। लेकिन शिवकुमार के समर्थकों ने अपनी मांग जारी रखी है। हुसैन जुलाई में भी कह चुके हैं कि 100 विधायक शिवकुमार का समर्थन करते हैं।

राज्य अध्यक्ष पद से इस्तीफे की अटकलें

शिवकुमार के राज्य अध्यक्ष पद से इस्तीफे की चर्चा ने नया मोड़ दिया है। सिद्धारमैया धड़ा हमेशा कहता रहा है कि शिवकुमार अध्यक्ष पद पर रहते मुख्यमंत्री नहीं बन सकते। अगर शिवकुमार ने अध्यक्ष पद छोड़ दिया तो यह तर्क खत्म हो जाएगा। इससे स्थिति और भी दिलचस्प हो गई है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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