शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

कर्नाटक ड्रेस कोड विवाद: कॉलेज में बुर्का और भगवा गमछे पर उठा सवाल, प्रशासन ने लिया सख्त फैसला

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Karnataka News: हावेरी जिले के हंगल स्थित सीजे बेल्लड़ सरकार फर्स्ट ग्रेड कॉलेज में ड्रेस कोड को लेकर विवाद छिड़ गया है। कुछ छात्राओं द्वारा कॉलेज यूनिफॉर्म की जगह बुर्का पहनने से नाराज अन्य छात्र भगवा गमछा लेकर कॉलेज पहुंचे। इस घटना के बाद कॉलेज प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए सभी छात्रों को केवल आधिकारिक यूनिफॉर्म पहनने का निर्देश दिया है।

कॉलेज प्रशासन के अनुसार यह मामला पिछले एक महीने से चला आ रहा था। कुछ छात्राएं नियमित रूप से बुर्का पहनकर कक्षाओं में आ रही थीं। प्रशासन ने उन्हें पहले ही चेतावनी दी थी और यूनिफॉर्म का पालन करने को कहा था। हालांकि बीए और बीकॉम की कुछ छात्राएं हाल में फिर से बुर्का पहनकर आईं।

इसके जवाब में कुछ अन्य छात्रों ने भगवा गमछा धारण करके प्रदर्शन किया। इस तरह का प्रतिरोध दिखाना उनकी नाराजगी को दर्शाता था। इस घटना ने पूरे कैंपस का माहौल तनावपूर्ण बना दिया। प्रबंधन को तुरंत हस्तक्षेप करना पड़ा।

कॉलेज प्रबंधन की बैठक और निर्णय

इस विवाद कोसुलझाने के लिए कॉलेज प्रबंधन ने तत्काल बैठक बुलाई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अब सभी छात्रों को अनिवार्य रूप से कॉलेज यूनिफॉर्म ही पहननी होगी। इस नियम में किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी जाएगी।

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प्रशासन का मानना है कि यह कदम भविष्य में इस तरह के विवादों को रोकने के लिए जरूरी है। शैक्षणिक संस्थान में अनुशासन और एकरूपता बनाए रखना प्रबंधन की प्राथमिकता है। नए निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं।

ड्रेस कोड को लेकर पहले भी हो चुके हैं विवाद

यह पहलीबार नहीं है जब शैक्षणिक संस्थानों में ड्रेस कोड को लेकर विवाद हुआ है। देश के विभिन्न हिस्सों में पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। कई स्कूलों और कॉलेजों में बुर्का या धार्मिक प्रतीकों को लेकर बहस हुई है।

इन विवादों में अक्सर छात्रों और अभिभावकों ने यूनिफॉर्म नियमों का कड़ाई से पालन कराने की मांग उठाई है। संस्थान प्रशासन को ऐसे मामलों में संवेदनशीलता और दृढ़ता के साथ फैसला लेना पड़ता है। शिक्षा का माहौल बनाए रखना सबसे जरूरी होता है।

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कर्नाटक के इस कॉलेज में भी प्रबंधन ने एक समान नियम लागू करने का फैसला किया है। उनका उद्देश्य कैंपस में शांति और एकता को बहाल करना है। सभी छात्रों से नए निर्देशों का पालन करने की अपेक्षा की गई है।

छात्रों की प्रतिक्रिया और भविष्य की चुनौतियां

इस फैसलेके बाद अब देखना यह है कि छात्र समुदाय कैसी प्रतिक्रिया देता है। ड्रेस कोड के मुद्दे अक्सर सामाजिक और सांस्कृतिक बहसों से जुड़ जाते हैं। शैक्षणिक संस्थानों को ऐसी स्थितियों में संतुलन बनाना मुश्किल होता है।

कॉलेज प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि नियम सभी के लिए समान रूप से लागू होंगे। उनका यह भी कहना है कि पढ़ाई का माहौल बनाए रखना सर्वोपरि है। भारत में ड्रेस कोड की नीतियां अक्सर चर्चा का विषय बनती रहती हैं।

इस घटना ने एक बार फिर शिक्षण संस्थानों में एकरूपता के महत्व पर सवाल खड़े किए हैं। प्रबंधन को उम्मीद है कि उनका यह फैसला सकारात्मक परिणाम लाएगा। सभी पक्षों से सहयोग की अपील की गई है।

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