Karnataka News: कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के समर्थकों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। डीके शिवकुमार के समर्थक विधायक अब खुलकर उनके लिए कर्नाटक सीएम पद की मांग कर रहे हैं। मांड्या के विधायक रवि कुमार गौड़ा ने कहा कि शिवकुमार को और इंतजार नहीं करना चाहिए। विधायक इकबाल हुसैन ने दावा किया कि उनके पास 100 से अधिक विधायकों का समर्थन है।
दिल्ली में हाईकमान से मुलाकात
पिछले सप्ताह डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया ने दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं ने अलग-अलग राहुल गांधी से बात की। इस मुलाकात के बाद कर्नाटक सीएम पद को लेकर चर्चाएं और तेज हो गई हैं। शिवकुमार के समर्थक विधायक चाहते हैं कि नेतृत्व पर दबाव बनाया जाए। इस बीच, कांग्रेस के भीतर सत्ता का यह नाटक लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
भाजपा का तंज और हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप
भाजपा ने कर्नाटक की स्थिति पर तंज कसते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों हॉर्स ट्रेडिंग में व्यस्त हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों नेता विधायकों को अपने पक्ष में करने के लिए पैसे और सत्ता का इस्तेमाल कर रहे हैं। जोशी ने कहा कि सिद्धारमैया ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं, जिससे तनाव और बढ़ गया है।
कांग्रेस हाईकमान पर सवाल
प्रल्हाद जोशी ने कांग्रेस की कमजोर नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हाईकमान की कमजोरी के कारण कर्नाटक में यह सत्ता का खेल चल रहा है। जोशी ने दावा किया कि जिसके पास ज्यादा विधायकों का समर्थन होगा, वही कर्नाटक सीएम बनेगा। उन्होंने कहा कि दोनों गुट विधायकों को अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटे हैं। यह स्थिति कांग्रेस के लिए आंतरिक संकट को और गहरा रही है।
ऑपरेशन लोटस के आरोप खारिज
कांग्रेस ने भाजपा पर ऑपरेशन लोटस चलाने का आरोप लगाया, जिसे जोशी ने सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा चाहती है कि कांग्रेस अपनी पूर्ण बहुमत वाली सरकार सुचारू रूप से चलाए। जोशी ने तंज कसते हुए कहा कि कर्नाटक में विधायक बाजार में बिकने को तैयार हैं और खरीददार भी मौजूद हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा इस विवाद में शामिल नहीं है।
सत्ता का खेल और जनता की नजर
कर्नाटक में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच सत्ता की यह जंग अब जनता के बीच चर्चा का केंद्र बन चुकी है। दोनों नेताओं के समर्थक अपनी-अपनी ताकत दिखाने में जुटे हैं। कांग्रेस हाईकमान के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि पार्टी को एकजुट रखना जरूरी है। कर्नाटक सीएम पद को लेकर यह सियासी ड्रामा अभी और रोचक होने की संभावना है।
