India News: हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। 1999 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में भारत ने जीत हासिल की थी। ऑपरेशन विजय और सागर के तहत भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ा। तीन महीने चली इस जंग में 527 भारतीय सैनिक शहीद हुए। इजरायल ने महत्वपूर्ण सैन्य सहायता दी। अमेरिका ने कूटनीतिक दबाव बनाया। आइए, इस युद्ध की प्रमुख बातें जानें।
अमेरिका की भूमिका
कारगिल युद्ध में अमेरिका ने सैन्य सहायता नहीं दी, लेकिन कूटनीतिक समर्थन प्रदान किया। अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात कर LOC से सेना हटाने का दबाव बनाया। अमेरिका ने घुसपैठ का समर्थन करने से इनकार किया। उन्होंने हथियार दिए, लेकिन GPS सिस्टम नहीं। कैप्टन याशिका त्यागी के अनुसार, अमेरिका ने बम दिए, पर डिफ्यूजिंग सिस्टम नहीं, जिससे भारत को चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
इजरायल का सहयोग
इजरायल ने कारगिल युद्ध में भारत का साथ दिया। जब अमेरिका ने GPS हथियार देने से मना किया, तब इजरायल ने लेजर-गाइडेड बम दिए। ये बम टाइगर हिल और तोलोलिंग जैसे पाकिस्तानी बंकरों को नष्ट करने में कारगर रहे। इजरायल ने रियल-टाइम सैटेलाइट इमेजरी और इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस भी प्रदान किया। मोर्टार, गोला-बारूद और सैन्य उपकरणों की आपूर्ति की। यह सहायता भारत के लिए निर्णायक साबित हुई।
युद्ध में जीत
कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने अदम्य साहस दिखाया। ऑपरेशन विजय के तहत ऊंचे पहाड़ी ठिकानों पर कब्जा किया गया। इजरायल के लेजर-गाइडेड बमों ने बंकरों को नष्ट किया। अमेरिका के दबाव से पाकिस्तान को पीछे हटना पड़ा। तीन महीने की जंग में 527 सैनिक शहीद हुए। भारत ने रणनीतिक और कूटनीतिक दोनों मोर्चों पर जीत हासिल की। यह युद्ध भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों की भी परीक्षा थी।