शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

कानपुर अपराध: सीएम योगी के निर्देश पर पुलिस ने 26 लोगों के खिलाफ दर्ज की एफआईआर, जानें क्या है मामला

Share

Kanpur News: कानपुर के सुजातगंज इलाके में जुमे की नमाज के बाद भड़काऊ ऑडियो चलाने के मामले में पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है। पुलिस ने एक नामजद सहित कुल 26 लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि मदार होटल तिराहा पर जुबैर अहमद खान उर्फ जुबैर गाजी ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ भड़काऊ ऑडियो क्लिप चलाकर लोगों को उकसाने का प्रयास किया। इस घटना के बाद इलाके में पुलिस ने सुरक्षा के इंतजाम बढ़ा दिए हैं।

घटना का क्रम और पुलिस की प्रतिक्रिया

शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद सुजातगंज की अजमेरी मस्जिद से लोग बाहर निकले थे। इसी दौरान जुबैर अहमद खान ने भड़काऊ ऑडियो क्लिप चलाना शुरू कर दिया। उनकी इस हरकत से करीब 20-25 युवक वहां इकट्ठा हो गए और माहौल तनावपूर्ण हो गया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और उसने भीड़ को समझा-बुझाकर वहां से हटा दिया। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से कोई बड़ा बवाल होने से रोका जा सका।

किन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा

रेल बाजार थानाप्रभारी जितेंद्र प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि जुबैर अहमद खान और 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 192 और धारा 189(2) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। धारा 192 दंगा भड़काने के लिए उकसाने से संबंधित है जबकि धारा 189(2) गैरकानूनी रूप से भीड़ इकट्ठा करने के लिए लगाई गई है। पुलिस ने बताया कि ऑडियो चलाने का मकसद लोगों को भड़काकर दंगा कराने की कोशिश थी।

यह भी पढ़ें:  बेंगलुरु मेट्रो: ट्रैक पर कूदा युवक, 2 घंटे थमी रही रफ्तार, यात्रियों में मची अफरा-तफरी

पुलिस आयुक्त का सख्त बयान

पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने इस घटना पर सख्त लहजे में प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से हर संभव कदम उठाया जाएगा ताकि शहर में शांति बनी रहे। पुलिस आयुक्त ने लोगों से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और कानून व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन का सहयोग करें।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और विधायकों की मांग

इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के विधायक अमिताभ बाजपेयी, हसन रूमी और नसीम सोलंकी ने पुलिस आयुक्त से मुलाकात की। उन्होंने निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि पुलिस को किसी निर्दोष को न फंसाते हुए सिर्फ असली दोषियों पर ही कार्रवाई करनी चाहिए। विधायक अमिताभ बाजपेयी ने कहा कि कुछ लोग पेशेवर बवाली हैं जो हर त्योहार पर समाज में भ्रम फैलाते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि घटना के पांच दिन बाद एफआईआर क्यों दर्ज की गई।

विवाद की पृष्ठभूमि और राज्यव्यापी प्रभाव

कानपुर में यह विवाद चार सितंबर को बारावफात के जुलूस के दौरान ‘आई लव मोहम्मद’ के बैनर लगाने से शुरू हुआ था । इसके बाद से यह विवाद उत्तर प्रदेश के कई शहरों में फैल गया है। बरेली में इसी विवाद के चलते हिंसक झड़पें हुईं थीं जहां पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था । बरेली में मौलाना तौकीर रजा समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था और दो हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी ।

यह भी पढ़ें:  Suspendisse ipsum dui

प्रशासन की तैयारियां और सुरक्षा इंतजाम

इन घटनाओं के बाद पूरे प्रदेश में पुलिस और प्रशासन अलर्ट मोड पर है । कानपुर समेत विभिन्न शहरों में संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा के इंतजाम बढ़ा दिए गए हैं। प्रशासन की ओर से सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जा रही है ताकि कहीं भी हालात खराब न हों। पुलिस का कहना है कि वह कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगी। लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है।

राज्य सरकार का रुख और मुख्यमंत्री की चेतावनी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस विवाद पर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों को बर्दाश्त नहीं करेगी। मुख्यमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि दंगा भड़काने की कोशिश करने वालों को ऐसा सबक सिखाया जाएगा कि आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी । उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब न तो नाकाबंदी होगी और न ही कर्फ्यू लगेगा बल्कि कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News