Himachal News: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में जल संकट ने एक भयावह त्रासदी को जन्म दिया है। कोटला क्षेत्र के गांव सरहंडी का 16 वर्षीय आगम शर्मा पीने का पानी लाने के दौरान सांप के काटने से मारा गया। दसवीं कक्षा के इस छात्र को घर से आधा किलोमीटर दूर कुएं से पानी लाने जाना पड़ा क्योंकि गांव में पानी की आपूर्ति बेहद अनियमित है। इस दुर्घटना ने ग्रामीणों में जल शक्ति विभाग के खिलाफ गुस्सा भर दिया है।
गांव में गहराया पेयजल संकट
ग्राम पंचायत पधर के गांव सरहंडी में पेयजल की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। पंचायत प्रधान तिलक राज ने बताया कि गांव में महीने में केवल एक या दो बार ही पाइपलाइन से पानी की आपूर्ति हो पाती है 。 इस वजह से ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए कुओं और बावड़ियों पर निर्भर रहना पड़ता है। आगम शर्मा भी इसी समस्या का शिकार हुआ जब वह कुएं से पानी लेने जा रहा था।
सांप के काटने से हुई मौत
आगम शर्मा अपने घर से लगभग 500 मीटर दूर स्थित कुएं से पानी लेने जा रहा था। रास्ते में ही एक सांप ने उसे डस लिया 。 परिजनों ने तुरंत उसे सिविल अस्पताल शाहपुर ले गए लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। आगम एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखता था और दसवीं कक्षा का होनहार छात्र था।
ग्रामीणों में जल शक्ति विभाग के खिलाफ आक्रोश
इस दर्दनाक घटना ने पूरे क्षेत्र में जल शक्ति विभाग के प्रति गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। ग्रामीणों का स्पष्ट आरोप है कि विभाग की लापरवाही के कारण ही आगम को दूर से पानी लाने जाना पड़ा 。 स्थानीय लोगों का कहना है कि विभाग ने गांव में नियमित पानी आपूर्ति सुनिश्चित करने में पूरी तरह से लापरवाही बरती है। इस लापरवाही ने एक युवा जान ले ली।
न्यायिक जांच और मुआवजे की मांग
स्थानीय समाज सेवी और सेवानिवृत्त अध्यापक रणजीत शर्मा ने सरकार से तुरंत दो प्रमुख मांगें की हैं पहली मांग शोकग्रस्त मजदूर माता-पिता को तत्काल आर्थिक सहायता देने की है। दूसरी मांग इस दुखद मौत की न्यायिक जांच कराने की है ताकि जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान हो सके। उनका कहना है कि इससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी।
जिले में सर्पदंश के अन्य मामले
कांगड़ा जिले में सर्पदंश से मौत के यह पहले मामला नहीं है। पिछले कुछ महीनों में जिले के विभिन्न भागों में सर्पदंश से कई मौतें दर्ज की गई हैं 。 जुलाई महीने में ज्वालामुखी में एक पार्षद के पति की सर्पदंश से मौत हो गई। सितंबर में रक्कड़ तहसील और नगरोटा सूरियां में भी सर्पदंश से मौत की घटनाएं हुई हैं। ये घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा के गंभीर संकट की ओर इशारा करती हैं।
राज्य सरकार की पहल और योजनाएं
कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र में पेयजल संकट को दूर करने के लिए 80 करोड़ रुपये की योजनाओं की डीपीआर सरकार को भेजी गई है 。 जल शक्ति विभाग ने आश्वासन दिया है कि 31 दिसंबर 2025 तक घर-घर नल से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाया जाएगा। समीरपुर-तियारा चरण-2 और राजल नंदरुल स्रोत सुधारीकरण जैसी योजनाओं पर काम चल रहा है। विधायक पवन काजल ने कुछ योजनाओं की धीमी गति पर नाराजगी जताई है।
अन्य क्षेत्रों में भी जल संकट
कांगड़ा जिले के अन्य भागों में भी जल संकट की स्थिति गंभीर बनी हुई है। नूरपुर सिविल अस्पताल में पेयजल आपूर्ति बाधित होने से मरीजों और उनके तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है 。 अस्पताल प्रशासन को फौरी तौर पर वाटर टैंक मंगवाने पड़े हैं। चंगर क्षेत्र की कई पंचायतों में हफ्ते में सिर्फ 1-2 बार ही पानी की सप्लाई हो पा रही है। इन क्षेत्रों में दिसंबर 2025 तक आपूर्ति नियमित करने का आश्वासन दिया गया है।
परिवार की मनोदशा
आगम शर्मा के स्वजन और उसका बड़ा भाई उसकी अचानक मृत्यु के सदमे से बेसुध हैं यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है बल्कि सरकारी व्यवस्था की विफलता पर भी एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। आगम के परिवार वाले इस दुखद घटना से उबर नहीं पाए हैं। गांव के लोगों ने परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है और त्वरित न्याय की मांग की है।
