Mandi News: हिमाचल प्रदेश के मंडी संसदीय क्षेत्र में पिछले ढाई माह से चल रही प्राकृतिक आपदा के बीच सांसद कंगना रनौत का नदारद होना चर्चा का विषय बना हुआ है। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर कई केंद्रीय मंत्री क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं, रनौत अपने संसदीय क्षेत्र में नजर नहीं आई हैं।
मंडी, कुल्लू, लाहुल-स्पीति, किन्नौर और चंबा जिले के भरमौर क्षेत्र ने जून के अंत से भारी नुकसान झेला है। बाढ़ और भूस्खलन ने सड़कों, बिजली और पानी की आपूर्ति को बुरी तरह प्रभावित किया है। स्थानीय लोग सांसद से मदद की उम्मीद कर रहे थे।
आपदा से हुए भारी नुकसान
क्षेत्र के कई विधानसभा क्षेत्र आपदा से प्रभावित हुए हैं। इनमें मनाली, बंजार, नाचन, सराज, भरमौर, आनी, किन्नौर, द्रंग और जोगेंद्रनगर शामिल हैं। ग्रामीण इलाकों में संपर्क मार्ग टूट गए हैं। बुनियादी सेवाएं ठप पड़ी हैं।
किसानों की सब्जियां खेतों में सड़ रही हैं। बागबानों के फल बगीचों में नष्ट हो गए हैं। कीरतपुर-मनाली फोरलेन को लगभग 400 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। राइट बैंक से मनाली का संपर्क अठारह दिनों से कटा हुआ है।
केंद्रीय मंत्रियों का दौरा जारी
केंद्र सरकार ने आपदा का जायजा लेने के लिए कई मंत्रियों को क्षेत्र में भेजा है। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर मनाली क्षेत्र के दौरे पर हैं। पत्तन, पोत परिवहन राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर बंजार क्षेत्र में थे।
सड़क परिवहन राज्यमंत्री अजय टम्टा सराज, मंडी और कुल्लू का दौरा कर रहे हैं। भरमौर में जनजातीय मामलों के राज्यमंत्री दुर्गादास उइके के दौरे की योजना है। इन सबके बीच सांसद का न होना सवाल खड़े कर रहा है।
रनौत की पिछली टिप्पणियां याद
तीस जून की रात सराज और नाचन क्षेत्र में नुकसान का जायजा लेने कंगना रनौत पहुंची थीं। उन्होंने कहा था कि उनके पास कैबिनेट रैंक नहीं है। उनके पास प्रभावितों को देने के लिए पैसे भी नहीं हैं। इस टिप्पणी ने विवाद पैदा किया था।
स्थानीय भाजपा नेताओं ने सांसद के दौरे पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। पार्टी के अंदर भी नाराजगी की भावना है। लोग सांसद की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं।
