शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

कंगना रनौत: तमिलनाडु आईं तो थप्पड़ मारें, कांग्रेस नेता केएस अलागिरि का विवादित बयान

Share

Chennai News: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केएस अलागिरि ने भाजपा सांसद कंगना रनौत के खिलाफ एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर कंगना रनौत तमिलनाडु आती हैं तो उन्हें थप्पड़ मारना चाहिए। यह टिप्पणी कंगना रनौत के एक पुराने बयान के जवाब में की गई है। इससे राजनीतिक हलकों में तूफान खड़ा हो गया है।

अलागिरि ने कंगना रनौत के उस बयान को लक्ष्य बनाया जिसमें उन्होंने किसान आंदोलन पर सवाल उठाए थे। कंगना ने आरोप लगाया था कि आंदोलन में शामिल महिलाएं पैसे लेकर प्रदर्शन कर रही थीं। कांग्रेस नेता ने इस दावे को बेतुका और गैर-जिम्मेदाराना करार दिया। उन्होंने कहा कि कंगना अक्सर ऐसी अनाप-शनाप बातें करती रहती हैं।

उन्होंने एक पुरानी घटना का भी जिक्र किया। अलागिरि ने एयरपोर्ट पर हुए एक वाकये को याद दिलाया। उस समय एक सीआरपीएफ की महिला जवान ने कंगना रनौत को थप्पड़ मारा था। उस जवान ने बाद में बताया था कि कंगना ने उनके और उनके समुदाय के खिलाफ अपमानजनक बातें कही थीं।

यह भी पढ़ें:  Indian Deportation 2025: अमेरिका और ब्रिटेन ने हजारों भारतीयों को किया निर्वासित, सरकार ने दी जानकारी

कांग्रेस नेता ने कहा कि यह बात लोगों को याद रखनी चाहिए। उनका कहना था कि अगर कंगना तमिलनाडु आती हैं तो उन्हें थप्पड़ मारना चाहिए। अलागिरि ने कंगना पर अहंकार और अनुचित व्यवहार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक जनप्रतिनिधि को इस तरह का व्यवहार शोभा नहीं देता।

इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में गर्मी ला दी है। विरोधी दलों ने अलागिरि की आलोचना शुरू कर दी है। उनका कहना है कि एक वरिष्ठ नेता होने के नाते उन्हें इस तरह की भाषा नहीं बोलनी चाहिए। हालांकि, कांग्रेस की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

कंगना रनौत ने अभी तक इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वह पिछले कुछ समय से कई विवादों में घिरी रही हैं। उनके बयानों को लेकर अक्सर सियासत गर्म हो जाती है। इस मामले ने एक बार फिर से उन्हें चर्चा के केंद्र में ला खड़ा किया है।

यह भी पढ़ें:  राशिफल 7 अगस्त 2025: जानें सभी राशियों के लिए कैसा रहेगा गुरुवार

यह घटना राजनीति में बढ़ते विवादास्पद बयानबाजी के चलन को दर्शाती है। नेताओं के बीच इस तरह के तीखे आदान-प्रदान आम होते जा रहे हैं। जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है कि वे अपनी भाषा पर संयम बरतें। लोकतंत्र में असहमति की गुंजाइश होनी चाहिए, लेकिन भाषा सभ्य होनी चाहिए।

मामला अब और विस्तार पकड़ सकता है। भाजपा की तरफ से जल्द ही इस पर प्रतिक्रिया आने की संभावना है। राजनीतिक दलों के बीच यह विवाद नए सिरे से बहस छेड़ सकता है। सार्वजनिक व्यक्तियों के बयानों की जिम्मेदारी पर चर्चा तेज होगी।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News