Himachal News: हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने हाल ही में एक साक्षात्कार में अपनी राजनीतिक यात्रा पर खुलकर बात की। दिल्ली में एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने मंत्री पद न मिलने और मंडी में आपदा राहत को लेकर उठे सवालों पर बेबाकी से जवाब दिया। कंगना रनौत ने कहा कि वह झूठी उम्मीदें नहीं देतीं और लोगों को सच बताती हैं, भले ही यह कड़वा लगे।
मंत्री पद पर निराशा
कंगना रनौत ने कहा कि उनके राष्ट्रीय पुरस्कार और पद्मश्री जैसे सम्मान को देखते हुए उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें मोदी सरकार में मंत्री पद मिलेगा। हालांकि, उन्होंने माना कि पहली बार सांसद बनने वालों को आमतौर पर यह जिम्मेदारी नहीं मिलती, फिर भी कुछ अपवाद हैं। कंगना ने बताया कि सांसद की सैलरी कम है और क्षेत्र के दौरे में उनके निजी खर्चे लाखों में चले जाते हैं। यह बयान उनकी राजनीति में चुनौतियों को दर्शाता है।
आपदा राहत पर विवाद
मंडी में बादल फटने की घटना के बाद कंगना पर देरी से पहुंचने का आरोप लगा। उन्होंने इसका खंडन करते हुए कहा कि वह तीन दिन बाद ही प्रभावित क्षेत्र में थीं। कंगना ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर निशाना साधा, जो उनके मुताबिक छह दिन बाद पहुंचे। उन्होंने कहा कि आपदा राहत मुख्यमंत्री का काम है, और वह लोगों को भ्रमित नहीं करना चाहतीं। कंगना ने स्पष्ट किया कि वह केवल केंद्र से मदद लाने में सहयोग कर सकती हैं।
सांसद के काम का लेखा-जोखा
कंगना रनौत ने अपने एक साल के कार्यकाल का बचाव करते हुए चुनौती दी कि उनके काम की तुलना मंडी के पूर्व सांसदों से की जाए। उन्होंने पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह पर कम संसद सत्रों में शामिल होने का आरोप लगाया। कंगना ने कहा कि वह अपनी फिल्म ‘इमरजेंसी’ की रिलीज के दौरान व्यस्त थीं, लेकिन सांसद का काम सेवा नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है। उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात का समय मांगा, जो अभी तक नहीं मिला।
