शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

कंगना रनौत: बठिंडा कोर्ट में 2020 के विवादास्पद ट्वीट पर जताया खेद, कहा- यह थी गलतफहमी

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Punjab News: बॉलीवुड अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत ने सोमवार को बठिंडा की एक अदालत में जाकर खेद जताया। उन्होंने साल 2020 के एक विवादास्पद ट्वीट के लिए माफी मांगी। इस ट्वीट में उन्होंने एक बुजुर्ग महिला किसान को शाहीन बाग की कार्यकर्ता बिलकिस बानो बता दिया था। अदालत में पेश होने के बाद उन्होंने कहा कि यह एक सामान्य मीम का रीट्वीट था और उनका कोई बुरा इरादा नहीं था।

अदालत के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए कंगना रनौत ने कहा कि यह मामला एक गलतफहमी का था। उन्होंने बताया कि उन्होंने महिंदर कौर के पति को इस गलतफहमी के लिए एक संदेश भेजा था। मंडी की सांसद ने कहा कि उन्होंने सपने में भी इस तरह के विवाद की कल्पना नहीं की थी। उन्होंने बठिंडा में अपने प्रशंसकों के जबरदस्त स्वागत पर खुशी जताई।

जब उनसे सीधे तौर पर पूछा गया कि क्या उनसे गलती हुई, तो कंगना ने स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने मूल रूप से कुछ भी नहीं लिखा था। यह एक रीट्वीट था जिसे मीम की तरह इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश भर में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के दौरान यह गलतफहमी हुई।

महिंदर कौर के वकील रघुबीर सिंह बेनीवाल ने मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कंगना रनौत समन जारी होने के बाद अदालत में पेश हुईं। उन्होंने जमानत ली और जमानत बॉंड भरा। अदालत के अंदर उन्होंने शिकायतकर्ता से माफी मांगने की इच्छा जताई।

महिंदर कौर की अनुपस्थिति और पति की प्रतिक्रिया

आज की सुनवाई के दौरान महिंदर कौर स्वयं अदालत में मौजूद नहीं थीं। उनकी तबियत ठीक नहीं होने के कारण उनके पति ने अदालत में हाजिरी दी। अदालत ने जब महिंदर कौर के पति से इस मामले पर राय जाननी चाही तो उन्होंने स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि वह तुरंत कोई फैसला नहीं ले सकते।

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उन्होंने अदालत को बताया कि कोई भी निर्णय लेने से पहले वह विभिन्न किसान यूनियनों और अन्य हितधारकों से बातचीत करेंगे। इससे साफ जाहिर होता है कि यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति तक सीमित नहीं है। यह पूरे किसान समुदाय से जुड़ा हुआ मामला बन गया है।

विवाद की शुरुआत और ट्वीट की पृष्ठभूमि

यह विवाद दिसंबर 2020 का है जब कंगना रनौत ने एक ट्वीट किया था। इस ट्वीट में उन्होंने बुजुर्ग किसान महिंदर कौर की एक तस्वीर साझा की थी। उन्होंने महिंदर कौर को शाहीन बाग की प्रमुख कार्यकर्ता बिलकिस बानो बताया था। इस ट्वीट में आरोप लगाया गया था कि विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए लोग 100 रुपये में उपलब्ध थे।

यह ट्वीट उस समय किया गया था जब केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन चल रहा था। कंगना के इस ट्वीट ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। इससे किसान समुदाय में व्यापक आक्रोश फैल गया और सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आईं।

मानहानि का मुकदमा और कानूनी कार्रवाई

इस ट्वीट के बाद महिंदर कौर ने मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया था। उनका कहना था कि इस झूठे आरोप से उनकी छवि खराब हुई है और उन्हें भावनात्मक ठेस पहुंची है। इस मामले में बठिंडा की अदालत ने कंगना रनौत के खिलाफ समन जारी किया था। इसी के बाद उन्हें अदालत में पेश होना पड़ा।

कंगना रनौत ने अदालत में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह ट्वीट उनका अपना लिखा हुआ नहीं था। यह एक सामान्य मीम था जिसे उन्होंने仅仅是 रीट्वीट किया था। उन्होंने इस पूरे episode को एक गलतफहमी करार दिया। उन्होंने कोर्ट में शिकायतकर्ता से माफी मांगने की इच्छा जताई।

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राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और सार्वजनिक प्रतिक्रिया

यह मामला सिर्फ एक ट्वीट तक सीमित नहीं रहा। इसने एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक विमर्श छेड़ दिया। कंगना रनौत भाजपा की सांसद हैं और उनकी टिप्पणियों पर अक्सर चर्चा होती रहती है। किसान आंदोलन के दौरान उनकी टिप्पणियां पहले भी सुर्खियों में रही हैं।

बठिंडा अदालत में उनकी पेशी के दिन बाहर बड़ी संख्या में लोग जमा हुए थे। कंगना ने इन लोगों को अपना प्रशंसक बताया। हालांकि, स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, वहां किसान संगठनों के सदस्य भी मौजूद थे। उन्होंने कंगना के खिलाफ नारेबाजी की और न्याय की मांग की।

आगे की कानूनी प्रक्रिया

अब अगली सुनवाई का इंतजार है। महिंदर कौर के पति ने साफ किया है कि वह किसान यूनियनों से सलाह के बाद ही कोई फैसला लेंगे। इससे यह स्पष्ट है कि यह मामला अभी जल्दी खत्म होने वाला नहीं है। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए तारीख तय की होगी।

कंगना रनौत ने अदालत में जमानत बॉंड जमा कर दिया है। उन्होंने शिकायतकर्ता पक्ष से माफी मांगने की इच्छा जताई है। हालांकि, अभी तक औपचारिक रूप से मामला वापस नहीं लिया गया है। आने वाले दिनों में इस मामले में और विकास होने की उम्मीद है।

यह मामला सोशल मीडिया पर बोले गए बयानों की जिम्मेदारी को रेखांकित करता है। सार्वजनिक व्यक्तियों द्वारा सोशल मीडिया का उपयोग करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। गलत सूचना फैलने से व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर नुकसान हो सकता है।

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