Himachal News: हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने हाल ही में एक इंटरव्यू में राजनीति को महंगा शौक बताया। टाइम्स नाउ को दिए बयान में उन्होंने कहा कि सांसद की सैलरी अपर्याप्त है। कंगना के मुताबिक, 1.24 लाख रुपये की मासिक सैलरी में से कर्मचारियों के वेतन के बाद केवल 50-60 हजार रुपये बचते हैं। यह राशि उनके निर्वाचन क्षेत्र के खर्चों को पूरा करने के लिए नाकाफी है।
मंडी में यात्रा का भारी खर्च
कंगना रनौत ने बताया कि मंडी जैसे पहाड़ी क्षेत्र में एक स्थान से दूसरे तक पहुंचना बेहद खर्चीला है। उन्होंने कहा कि स्टाफ के साथ 300-400 किलोमीटर की यात्रा में लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं। कंगना ने जोर देकर कहा कि ईमानदार सांसद के लिए राजनीति को पेशा बनाना मुश्किल है। इसके लिए अतिरिक्त आय का स्रोत जरूरी है। उन्होंने उदाहरण दिया कि कई सांसद व्यवसाय या वकालत जैसे पेशों से जुड़े रहते हैं।
अन्य सांसदों का उदाहरण
कंगना ने पूर्व राज्यसभा सांसद जावेद अख्तर का जिक्र किया, जो राजनीति के साथ-साथ अपने फिल्मी करियर से भी जुड़े रहे। उन्होंने कहा कि कई सांसद अपने मूल पेशे को नहीं छोड़ते। कंगना ने यह भी बताया कि वह अपनी फिल्म निर्माण और लेखन की जिम्मेदारियों को जारी रखेंगी। इससे पहले, कंगना ने माना था कि उन्हें राजनीति में मजा नहीं आ रहा, क्योंकि लोग छोटी-छोटी समस्याओं जैसे नालियों की शिकायत लेकर आते हैं।
मंत्रालय की उम्मीद
कंगना रनौत ने इंटरव्यू में खुलासा किया कि उन्हें 2024 में मंत्रालय मिलने की उम्मीद थी। उन्होंने कहा कि अपनी प्रोफाइल और पार्टी के लिए किए गए कार्यों को देखते हुए उन्हें लगा कि वह मंत्रिपद की हकदार हैं। कंगना ने मंडी जैसे कठिन क्षेत्र से जीत हासिल की थी, जहां उन्होंने कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह को 74,755 वोटों से हराया था। हालांकि, उन्हें अभी कोई मंत्रालय नहीं मिला है।
राजनीति में चुनौतियां
कंगना ने यह भी बताया कि राजनीति उनके लिए नई चुनौती है। उन्होंने कहा कि लोग उनसे सड़कों और नालियों जैसी स्थानीय समस्याओं के समाधान की उम्मीद करते हैं, जो राज्य सरकार का कार्यक्षेत्र है। फिर भी, लोग उनसे मदद मांगते हैं। कंगना ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि वह ईमानदारी से जनता की सेवा करना चाहती हैं, लेकिन इसके लिए वित्तीय सहायता जरूरी है।
