Agra News: भाजपा सांसद और फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ चल रहे मामले में आगरा की विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने शनिवार को सुनवाई पूरी की। विशेष न्यायाधीश लोकेश कुमार ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 30 सितंबर को अपना फैसला सुनाने की तिथि निर्धारित की। यह मामला कंगना रनौत द्वारा किसानों के बारे में की गई अपमानजनक टिप्पणी से संबंधित है .
अदालत में अभियोजन पक्ष और रिवीजनकर्ता की ओर से एडीजीसी मोहित पाल ने महत्वपूर्ण दलीलें प्रस्तुत कीं। रिवीजनकर्ता के वकील राजवीर सिंह ने अधीनस्थ न्यायालय के आदेश को निरस्त करने की मांग की। वहीं कंगना रनौत की ओर से अधिवक्ता अभिनव झा और विवेक शर्मा ने निचली अदालत के आदेश को यथावत रखने का अनुरोध किया .
मामले की पृष्ठभूमि
वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने 11 सितंबर 2024 को कंगना रनौत के खिलाफ अदालत में परिवाद दायर किया था। शर्मा ने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से सांसद कंगना रनौत ने 26 अगस्त 2024 को किसानों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी से लाखों किसानों की भावनाएं आहत हुई थीं .
अधीनस्थ न्यायालय ने इस परिवाद को खारिज कर दिया था। इसके बाद वादी ने सत्र न्यायालय में रिवीजन याचिका दायर की। रिवीजन याचिका पर सुनवाई की प्रक्रिया कई महीनों से चल रही है। कंगना रनौत अब तक किसी भी सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हुई हैं .
अदालती प्रक्रिया
इस मामले में अदालत ने कंगना रनौत को उनके हिमाचल प्रदेश और दिल्ली स्थित पते पर तीन नोटिस भेजे थे। सात महीने से अधिक समय तक सुनवाई चलने के बाद अधीनस्थ अदालत ने मामला खारिज कर दिया था। अदालत ने कहा था कि वादी या उनका परिवार किसानों के धरने में सीधे तौर पर शामिल नहीं था .
रिवीजन याचिका पर सुनवाई के दौरान कंगना की ओर से अधिवक्ताओं ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था। उन्होंने संसद सत्र की व्यस्तता का हवाला देते हुए अतिरिक्त समय की मांग की थी। सत्र न्यायालय ने इसके बाद अगली सुनवाई की तारीख तय की थी .
आरोपों की प्रकृति
रिवीजनकर्ता ने आरोप लगाया है कि कंगना रनौत ने किसान आंदोलन के दौरान किसानों को ‘देशद्रोही’ और ‘बलात्कारी’ जैसे अपमानजनक शब्दों से संबोधित किया। इसके अलावा उन पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्द कहने का भी आरोप लगाया गया है। अभियोजन पक्ष का कहना है कि इन टिप्पणियों से लाखों लोगों की भावनाएं आहत हुईं .
अभियोजन पक्ष ने इसे राष्ट्रद्रोह और भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य करार दिया है। उनका तर्क है कि इस मामले में प्रदेश सरकार भी पक्षकार है। अभियोजन पक्ष कंगना रनौत के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है .
राजनीतिक संदर्भ
कंगना रनौत हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से भाजपा सांसद हैं। उन्होंने पहली बार राजनीति में कदम रखा है। इससे पहले वह बॉलीवुड में सक्रिय थीं। उन्हें फिल्म ‘क्वीन’ और ‘तनु वेड्स मनु’ जैसी फिल्मों में उनके अभिनय के लिए जाना जाता है .
कंगना रनौत ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश में एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी। उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा था कि पीएम मोदी पर एक भी दाग नहीं है। उन्होंने 2014 से पहले हुए विभिन्न घोटालों का जिक्र किया था .
अगली कार्यवाई
विशेष न्यायाधीश लोकेश कुमार ने 30 सितंबर को फैसला सुनाने की तिथि निर्धारित की है। इस फैसले के बाद ही तय हो पाएगा कि मामला आगे बढ़ेगा या खारिज हो जाएगा। दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें पूरी कर ली हैं। अब अदालत के फैसले का इंतजार है .
इस मामले ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में काफी चर्चा generated की है। किसान संगठनों ने भी इस मामले पर गंभीरता दिखाई है। अदालत के आगामी फैसले से ही इस मामले का भविष्य तय होगा।
