World News: अमेरिका की पूर्व उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने अपनी नई किताब ‘107 डेज’ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। इस किताब में उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप से हार का दर्दनाक अनुभव साझा किया है। हैरिस ने लिखा है कि हार की खबर सुनकर वह सांस नहीं ले पा रही थीं और उन्होंने अपने देश के भविष्य को लेकर चिंता जताई ।
बाइडन की थकान और चुनावी दबाव
कमला हैरिस ने किताब में पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन की सेहत और थकान का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा कि 81 साल की उम्र में बाइडन थक गए थे और यह उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति में साफ दिख रहा था। हैरिस ने ट्रंप और बाइडन के बीच हुई बहस का हवाला देते हुए कहा कि बाइडन के प्रदर्शन से वह समझ गई थीं कि वह ठीक नहीं हैं।
बाइडन परिवार के साथ तनावपूर्ण रिश्ते
किताब में बाइडन परिवार के साथ तनावपूर्ण पलों का भी जिक्र है। हैरिस ने लिखा कि जब बाइडन के राष्ट्रपति पद से हटने की बात चल रही थी, तब जिल बाइडन ने उनके पति से पूछा कि क्या वे उनके साथ हैं। इस घटना ने हैरिस और उनके पति को आहत किया, जिन्होंने कहा कि उन्हें चार साल तक दबाकर रखा गया और जरूरत पड़ने पर वफादारी की उम्मीद की गई।
चुनावी अभियान की गलतियाँ
हैरिस ने अपनी कुछ गलतियों को भी स्वीकार किया है। ‘द व्यू’ टॉक शो में हुई एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा कि जब मेजबान ने पूछा कि बाइडन से अलग वह क्या करतीं, तो उन्हें कोई जवाब नहीं सूझा। हैरिस ने इसे ‘हथगोले का पिन खींचने’ जैसा बताया और कहा कि इससे ट्रंप की अभियान टीम को फायदा हुआ।
उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की तलाश
हैरिस ने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की तलाश से जुड़े कई रोचक खुलासे किए। उन्होंने बताया कि वह पीट बटिगिएग को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाना चाहती थीं, लेकिन उनके समलैंगिक होने के कारण ऐसा नहीं कर पाईं। पेंसिल्वेनिया के गवर्नर जोश शापिरो और मिनेसोटा के गवर्नर टिम वाल्ज पर भी विचार किया गया, लेकिन अंततः वाल्ज को चुना गया।
ट्रंप के साथ अजीबोगरीब बातचीत
किताब में ट्रंप के साथ हुई दो फोन कॉल का भी जिक्र है। हैरिस ने लिखा कि ट्रंप पर हुए हमले के बाद उन्होंने उन्हें फोन किया था। इस दौरान ट्रंप ने हैरिस की तारीफ करते हुए कहा कि अब वह उनके बारे में बुरा कैसे बोल सकते हैं । ट्रंप ने यह भी बताया कि उनकी बेटी इवांका हैरिस की प्रशंसक है। हैरिस ने ट्रंप को ‘ठग’ बताते हुए कहा कि वह इस काम में माहिर हैं ।
चुनावी हार का दर्दनाक अनुभव
हैरिस ने चुनावी हार के बाद के दर्दनाक पलों का विस्तार से वर्णन किया है। उन्होंने लिखा कि हार की खबर सुनकर वह मुश्किल से सांस ले पा रही थीं और बार-बार यही सोच रही थीं कि अब देश का क्या होगा। उनके स्टाफ ने जश्न के लिए रखे कपकेक्स से ‘मैडम प्रेसिडेंट’ का लेबल हटा दिया था। हैरिस ने लिखा कि वह हार को स्वीकार नहीं कर पा रही थीं और इस दर्द से उबरने में उन्हें काफी समय लगा ।
कमला हैरिस की यह किताब साइमन एंड शूस्टर द्वारा प्रकाशित की गई है और इसमें 304 पृष्ठ हैं। यह किताब उन 107 दिनों के चुनावी अभियान की दास्तान है, जो हैरिस के लिए ऐतिहासिक रहे।
