Delhi News: भगोड़ा तांत्रिक नित्यानंद परमशिवम (Nithyanand Paramashivam), एक बार फिर चर्चाओं में है। बलात्कार और अपहरण के आरोप के बाद भारत से भागा ये बाबा अपने खुद के कथित देश ‘कैलासा’ (Kailasa) में है।
इस बार ये चर्चाओं में तब आया, जब ‘कैलासा’ की एक प्रतिनिधि संयुक्त राष्ट्र (UN) की चर्चा में हिस्सा लेती दिखाई दी। 2019 में भारत से भागने के बाद, नित्यानंद एक साल बाद फिर से सामने और दावा किया कि उसने अपना एक अलग देश बना लिया है, जहां वह अपने अनुयायियों के साथ रह रहा है।
क्या है कैलासा?
24 फरवरी को आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र समिति (CESCR) की बैठक में नित्यानंद के देश प्रतिनिधि के तौर पर विजयप्रिया नित्यानंद शामिल हुईं। इसमें उन्होंने बताया कि कैलासा हिंदुओं के लिए एक पहला संप्रभु देश है। ये काल्पनिक देश नित्यानंद ने बनाया है और दुनिया भर से विस्थापित हिंदुओं की तरफ से इसे चलाया जा रहा है। काल्पनिक देश की वेबसाइट कहती है कि ये हिंदू आदि शैव अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों द्वारा चलाया जाता है और नस्ल, लिंग, संप्रदाय, जाति या पंथ के बावजूद, दुनिया के सभी सताए गए या अपनी इच्छा से आने वाले हिंदुओं को “सुरक्षित आश्रय” देता है।
कहां है ये देश?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नित्यानंद का देश इक्वाडोर के पास एक आइलैंड पर बसा हुआ है। “कैलासा” का सटीक लोकेशन साफ नहीं है, लेकिन कथित तौर पर ये मध्य अमेरिका के प्रशांत तट से दूर एक द्वीप पर बसा है। इस इलाके की कोई भी तस्वीर या फुटेज अभी तक सार्वजनिक तौर पर सामने नहीं आया है।
कैलासा की जनसंख्या कितनी है?
कैलासा की वेबसाइट के अनुसार, 10 करोड़ आदि शैव हिंदू और 2 अरब रीति रिवाज निभाने वाले हिंदू हैं। देश में बोली जाने वाली भाषाएं अंग्रेजी, संस्कृत और तमिल हैं और प्रचलित धर्म ‘सनातन हिंदू धर्म’ है।
एक हिंदू पुनर्जागरण का लक्ष्य
देश “सालों के उत्पीड़न और अधीनता” के बाद एक “प्रामाणिक” हिंदू संस्कृति और सभ्यता की बहाली के लिए समर्पित है। इसकी वेबसाइट कहती है कि वैदिक सभ्यता 10,000 से ज्यादा सालों तक बनी रही, लेकिन “सदियों के आक्रमण, लूटपाट, नरसंहार और औपनिवेशिक उत्पीड़न” के कारण मिटा दी गई थी।