India News: भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई ने जस्टिस सूर्य कांत को अपना उत्तराधिकारी नामित किया है। इसके साथ ही वे देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश बनने की राह पर अग्रसर हैं। आधिकारिक अधिसूचना जारी होने के बाद वे 24 नवंबर 2025 को पद संभालेंगे। वे 9 फरवरी 2027 तक इस महत्वपूर्ण पद पर रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार जस्टिस सूर्य कांत और उनके परिवार के पास काफी संपत्ति है।
जस्टिस सूर्य कांत और उनके परिवार की कुल संपत्ति का विवरण सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक किया गया है। उनके पास लगभग 8 करोड़ रुपये से अधिक की फिक्स्ड डिपॉजिट्स हैं। इसके अलावा प्रोविडेंट फंड में लगभग 4.23 करोड़ रुपये की राशि जमा है। एक दिलचस्प तथ्य यह है कि जस्टिस सूर्य कांत के स्वयं के नाम पर कोई वाहन नहीं है। उनकी पत्नी के पास केवल एक वैगनआर कार है।
अचल संपत्तियों का विवरण
जस्टिस सूर्य कांत और उनके परिवार के पास देश के विभिन्न हिस्सों में कई अचल संपत्तियां हैं। इनमें चंडीगढ़ के सेक्टर 10 में एक कनाल का आवासीय भवन शामिल है। पंचकूला के गांव गोलपुरा में उनके पास लगभग 13.5 एकड़ की कृषि योग्य भूमि है। गुरुग्राम के सुशांत लोक-1 में 300 वर्ग गज का एक प्लॉट भी उनकी संपत्ति का हिस्सा है।
इको सिटी-दो, न्यू चंडीगढ़ में 500 वर्ग गज का एक और प्लॉट है। नई दिल्ली के ग्रेटर कैलाश-1 में 285 वर्ग गज के आवासीय भवन का ग्राउंड फ्लोर और बेसमेंट भी उनके स्वामित्व में है। चंडीगढ़ के सेक्टर 18-सी में 192 वर्ग गज का एक मकान है। गुरुग्राम के डीएलएफ-दो में 250 वर्ग गज का आवासीय स्थान है।
पैतृक संपत्ति में हिस्सा
जस्टिस सूर्य कांत को अपने पैतृक गांव से भी संपत्ति प्राप्त हुई है। हरियाणा के हिसार जिले के गांव पेटवार में 12 एकड़ कृषि भूमि और एक आवासीय भवन में उनका एक तिहाई हिस्सा है। यह संपत्ति पैतृक स्वामित्व की है। हिसार अर्बन एस्टेट-दो में 250 वर्ग गज के एक मकान में भी उनका एक तिहाई अधिकार है। यह संपत्ति उन्हें अपने पिता से विरासत में मिली है।
वित्तीय निवेश और बचत
जस्टिस सूर्य कांत के नाम पर 16 फिक्स्ड डिपॉजिट हैं। इन सभी एफडी की कुल राशि 4,11,22,395 रुपये है। एचयूएफ के नाम पर 15 फिक्स्ड डिपॉजिट हैं जिनकी कुल लागत 1,92,24,317 रुपये है। उनकी पत्नी के नाम 6 फिक्स्ड डिपॉजिट हैं जिनमें 1,96,98,377 रुपये जमा हैं। उनकी पत्नी के पीपीएफ खाते में 49,90,733 रुपये का निवेश है।
जस्टिस सूर्य कांत की पत्नी के जीपीएफ खाते में 3,74,03,026 रुपये की राशि जमा है। परिवार के पास लगभग 1.1 किलोग्राम सोना और लगभग 6 किलोग्राम चांदी भी है। उनकी बड़ी बेटी के नाम 8 फिक्स्ड डिपॉजिट हैं जिनमें 34,22,347 रुपये जमा हैं। उसके पीपीएफ खाते में 47,57,322 रुपये हैं।
पारिवारिक संपत्ति का विस्तार
जस्टिस सूर्य कांत की बड़ी बेटी के पास 100 ग्राम सोना है। छोटी बेटी के नाम 7 फिक्स्ड डिपॉजिट हैं जिनमें 25,20,665 रुपये जमा हैं। उसके पीपीएफ खाते में 47,57,322 रुपये की राशि है। छोटी बेटी के पास भी 100 ग्राम सोना है। यह सभी जानकारी सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर सार्वजनिक की गई है।
शिक्षा और व्यावसायिक यात्रा
जस्टिस सूर्य कांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार जिले के पेटवार गांव में हुआ था। उन्होंने 1981 में गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, हिसार से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 1984 में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से उन्होंने कानून की डिग्री हासिल की। उन्होंने 1984 में हिसार जिला न्यायालय से अपनी वकालत की शुरुआत की।
1985 में उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट, चंडीगढ़ में अपनी प्रैक्टिस शुरू की। वे संविधानिक कानून, सेवा मामले और दीवानी कानून में विशेषज्ञ माने जाते हैं। उन्होंने कई विश्वविद्यालयों, निगमों, बैंकों और सरकारी निकायों के लिए वकील के रूप में कार्य किया है।
न्यायिक पदों पर कार्य
7 जुलाई 2000 को जस्टिस सूर्य कांत हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बने। मार्च 2001 में उन्हें सीनियर एडवोकेट का दर्जा प्राप्त हुआ। 9 जनवरी 2004 को उन्हें पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया। उन्होंने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की गवर्निंग बॉडी में दो कार्यकाल तक सदस्य के रूप में कार्य किया।
वर्तमान में वे भारतीय विधि संस्थान की कई समितियों के सदस्य हैं। 5 अक्टूबर 2018 को उन्हें हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 24 मई 2019 को वे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने। 12 नवंबर 2024 से वे सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी के अध्यक्ष भी हैं।
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के 23 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त होने के बाद जस्टिस सूर्य कांत देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। न्याय मंत्रालय की परंपरागत प्रक्रिया के अनुसार ही यह नियुक्ति की जाएगी। वे इस पद पर लगभग 14 महीने तक कार्यरत रहेंगे।
