Shimla News: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर सीमेंट की कीमतें बढ़ाने का आरोप लगाया है। बुधवार को जारी एक वीडियो संदेश में नड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी में कटौती कर जनता को राहत दी है। लेकिन हिमाचल सरकार सीमेंट के दाम बढ़ाकर लोगों पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है। उन्होंने इस कदम को अनैतिक और असंवेदनशील बताया।
नड्डा ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर केंद्र सरकार ने हिमाचल के पुनर्निर्माण को ध्यान में रखते हुए सीमेंट पर राहत दी थी। इससे सीमेंट की कीमतों में तीस रुपये तक की कमी आई थी। लेकिन राज्य सरकार ने अपने स्तर पर दाम बढ़ाकर इस राहत का लाभ जनता तक नहीं पहुंचने दिया।
पड़ोसी राज्यों में सस्ता सीमेंट
भाजपा अध्यक्ष ने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि हिमाचल में निर्मित सीमेंट पड़ोसी राज्यों में कम कीमत पर बिक रहा है। लेकिन हिमाचल के लोगों को वही सीमेंट महंगे दाम पर खरीदना पड़ रहा है। उन्होंने इस स्थिति को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। नड्डा ने कहा कि यह कांग्रेस सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है।
राज्य सरकार पर और भी आरोप लगाते हुए नड्डा ने कहा कि उसने पानी और बिजली के बिलों पर भी कर बढ़ा दिए हैं। प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे लोगों को राहत देने के बजाय सरकार उन पर वित्तीय बोझ बढ़ा रही है। उन्होंने इसे कांग्रेस सरकार का अमानवीय चेहरा बताया।
आपदा में तिजोरी भरने का आरोप
जेपी नड्डा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश इस समय बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से उबरने की कोशिश कर रहा है। ऐसे समय में सरकार का कर्तव्य था कि वह जनता का बोझ हल्का करे। लेकिन कांग्रेस सरकार अपनी तिजोरी भरने में लगी हुई है। उन्होंने इसकी कड़ी निंदा की।
भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हिमाचल प्रदेश के लोगों को राहत पहुंचाना चाहते हैं। लेकिन राज्य सरकार लगातार उन्हें परेशान करने का काम कर रही है। नड्डा ने भरोसा दिलाया कि समय आने पर लोग इस जनविरोधी सरकार को जरूर सबक सिखाएंगे। उन्होंने इसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम बताई।
जीएसटी में हुई थी कटौती
गौरतलब है कि वस्तु एवं सेवा कर ढांचे में सुधार की घोषणा की गई थी। जीएसटी परिषद की छप्पनवीं बैठक में इसे मंजूरी दी गई थी। यह सुधार बाईस सितंबर से लागू हो गया है। पहले की चार-दर प्रणाली को समाप्त कर दिया गया है। अब पांच प्रतिशत और अठारह प्रतिशत की दो स्लैब व्यवस्था लागू है।
विलासिता और अहितकर वस्तुओं के लिए चालीस प्रतिशत का अलग स्लैब रखा गया है। इस सुधार का उद्देश्य जनता को राहत पहुंचाना था। लेकिन हिमाचल प्रदेश में राज्य सरकार के कदमों से यह राहत प्रभावित हो रही है। इस मामले पर राज्य सरकार की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
