Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में युवा कांग्रेस का सदस्यता अभियान और चुनाव प्रक्रिया पूरी हो गई। 16 लाख युवाओं ने सदस्यता ली। उज्जैन से 74,000 युवा शामिल हुए। छिंदवाड़ा में केवल 3,287 सदस्य बने। 20 जून से 19 जुलाई तक वोटिंग हुई। 18 प्रत्याशी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए मैदान में हैं। सितंबर तक नई कार्यकारिणी बनेगी। पारदर्शी प्रक्रिया से संगठन मजबूत होगा।
सदस्यता अभियान में उज्जैन अव्वल
युवा कांग्रेस के सदस्यता अभियान में उज्जैन ने बाजी मारी। 74,000 युवाओं ने वहां सदस्यता ली। सतना में 58,300 युवा शामिल हुए। इंदौर ग्रामीण से 57,867 और रीवा से 55,429 युवाओं ने हिस्सा लिया। धार में 55,000 सदस्य बने। भोपाल शहर से 53,000 और ग्रामीण से 11,000 युवा जुड़े। छिंदवाड़ा में 3,287 और हरदा में 574 सदस्य बने। यह आंकड़ा संगठन की ताकत दर्शाता है।
चुनाव प्रक्रिया और पारदर्शिता
युवा कांग्रेस का चुनाव 20 जून से 19 जुलाई तक चला। प्रत्येक सदस्य ने छह पदों के लिए वोट डाला। इनमें प्रदेश अध्यक्ष, महासचिव, जिला अध्यक्ष, विधानसभा अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष और अन्य पद शामिल हैं। प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने बताया कि प्रक्रिया पारदर्शी रही। डिजिटल माध्यम से वोटिंग हुई। दस्तावेजों की जांच दो महीने में पूरी होगी। इसके बाद नई कार्यकारिणी की घोषणा होगी।
प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए 18 दावेदार
प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए 18 प्रत्याशी मैदान में हैं। प्रमुख नामों में जावेद पटेल, योगिता सिंह, नीरज पटेल और गीता कड़वे शामिल हैं। महासचिव पद के लिए 182 उम्मीदवार हैं। शीर्ष तीन प्रत्याशियों को दिल्ली में इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा। कांग्रेस हाईकमान अंतिम चयन करेगा। सितंबर तक नए अध्यक्ष की नियुक्ति होगी। यह चुनाव युवा नेतृत्व को नई दिशा देगा।
जिला स्तर पर सदस्यता का प्रभाव
उज्जैन, सतना, इंदौर ग्रामीण और रीवा में सदस्यता की संख्या प्रभावशाली रही। धार और राजगढ़ में भी अच्छी भागीदारी देखी गई। सिवनी में 41,241 और देवास में 35,354 युवा शामिल हुए। भोपाल में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से मिलाकर 64,000 सदस्य बने। छिंदवाड़ा और हरदा में कम भागीदारी चिंता का विषय है। यह संगठन की रणनीति को प्रभावित कर सकता है।
भविष्य की राजनीति पर प्रभाव
युवा कांग्रेस का यह अभियान मध्य प्रदेश में नई ऊर्जा लाएगा। 16 लाख युवाओं की भागीदारी संगठन को मजबूत करेगी। नए नेतृत्व का चयन भविष्य के विधानसभा और लोकसभा चुनावों में अहम होगा। उज्जैन जैसे जिलों में सक्रियता से पार्टी को फायदा होगा। कमजोर क्षेत्रों में रणनीति बदलने की जरूरत है। यह प्रक्रिया युवा राजनीति को नई दिशा देगी।
