शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी खतरे में, भाजपा नेता ने उठाए सवाल

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Himachal News: भाजपा प्रदेश पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कांग्रेस सरकार पर नौकरियां छीनने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार एक लाख नौकरी देने के वादे को भूल गई है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के 182 आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी संकट में है।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने नई भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। इसमें पुराने कर्मचारियों को प्राथमिकता नहीं दी जा रही। 30 सितंबर को 182 आउटसोर्स कर्मचारियों का करार समाप्त हो गया। इनमें से कई कर्मचारी 8 से 12 सालों से विश्वविद्यालय में कार्यरत थे।

कर्मचारियों के सामने संकट

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की अस्थायी नियुक्ति एक माह की अवधि के लिए की गई। यह भर्ती विभिन्न विभागों के प्रशासनिक और तकनीकी शाखाओं में हो रही है। पुराने कर्मचारियों को नई भर्ती में प्राथमिकता नहीं मिल रही।

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इससे प्रभावित कर्मचारियों में गहरा आक्रोश है। लंबे समय तक सेवा देने के बावजूद उन्हें उनके हक से वंचित किया जा रहा। कर्मचारी अपनी नौकरी बचाने के लिए संघर्ष कर रहे। विश्वविद्यालय प्रशासन के फैसले पर सवाल उठ रहे।

भाजपा नेता ने उठाए सवाल

सुरेश कश्यप ने सरकार से पुराने कर्मचारियों के बारे में सोचने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार को कर्मचारियों की बात सुननी चाहिए। कश्यप ने सवाल किया कि नए कर्मचारियों की भर्ती की क्या मजबूरी है।

उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया में किसी कांग्रेस मित्र को लाभ पहुंचाने की सोच हो सकती। भाजपा नेता ने कहा कि सरकारी विभागों में आउटसोर्स कर्मचारियों को निकाला जा रहा। कर्मचारियों का वेतन रोका जा रहा।

रोजगार के वादे पर सवाल

कांग्रेस सरकार ने पहली कैबिनेट में एक लाख नौकरी देने का वादा किया था। पांच लाख नौकरी देने का भी वादा किया गया था। सुरेश कश्यप ने कहा कि सरकार नौकरियां देने के बजाय छीन रही।

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उन्होंने कहा कि नौकरियां छीनने का क्रम अभी तक नहीं रुका। प्रति सरकारी विभाग में आउटसोर्स कर्मचारियों को प्रभावित किया जा रहा। सरकार के रोजगार सृजन के दावों पर सवाल उठे।

कर्मचारियों की मांग

प्रभावित कर्मचारी लंबे समय से विश्वविद्यालय में सेवाएं दे रहे। उनका कहना है कि नई भर्ती में उन्हें प्राथमिकता मिलनी चाहिए। आठ से बारह साल तक काम करने वाले कर्मचारी अनुभवी हैं।

कर्मचारी चाहते हैं कि विश्वविद्यालय उनके हक में फैसला ले। उनकी नौकरी सुरक्षित रहे और नियमित कार्य का अवसर मिले। विश्वविद्यालय प्रशासन से उनकी मांगों पर विचार करने की अपील की जा रही।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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