शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

नौकरी: अब ऑफिस के बाद बॉस का फोन उठाने की टेंशन खत्म! संसद में पेश हुआ ‘राइट टू डिस्कनेक्ट बिल’

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India News: ऑफिस खत्म होने के बाद भी क्या आप बॉस के ईमेल और कॉल से परेशान हैं? अब इस समस्या का समाधान जल्द हो सकता है। एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने लोकसभा में ‘राइट टू डिस्कनेक्ट बिल 2025’ पेश किया है। यह बिल नौकरी करने वालों को ऑफिस के बाद काम के दबाव से मुक्त करेगा। इसका मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों की पर्सनल लाइफ और काम के बीच बिगड़ते संतुलन को फिर से पटरी पर लाना है।

नौकरी पेशा लोगों को मिलेगी बड़ी राहत

भारत में कर्मचारियों पर हमेशा ऑनलाइन रहने का दबाव बहुत तेजी से बढ़ा है। रिमोट वर्क और डिजिटल टूल्स ने काम के घंटों की सीमाएं खत्म कर दी हैं। आज नौकरी करने वाले लोग परिवार के साथ वक्त बिताने के लिए तरस रहे हैं। यह बिल इसी गंभीर मुद्दे को सुलझाने के लिए लाया गया है। इसके पास होने पर कर्मचारियों को काम के बाद ‘स्विच ऑफ’ करने और डिजिटल दुनिया से कटने का कानूनी अधिकार मिल जाएगा।

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क्या है राइट टू डिस्कनेक्ट बिल?

यह बिल कर्मचारियों को ड्यूटी के घंटे खत्म होने के बाद कॉल या मैसेज इग्नोर करने की पूरी आजादी देता है। इस नियम के तहत यह पक्का किया जाएगा कि बॉस ऑफिस टाइम के बाद आपको काम के लिए मजबूर न करे।

  • कर्मचारी काम के बाद फोन स्विच ऑफ कर सकेंगे।
  • ईमेल या कॉल का जवाब देने का कोई दबाव नहीं होगा।
  • इमरजेंसी को छोड़कर, मालिक बेवजह संपर्क नहीं कर पाएंगे।

इससे नौकरी के दौरान होने वाली मानसिक थकान कम होगी और काम का माहौल बेहतर बनेगा।

ओवरटाइम और जुर्माने का कड़ा नियम

इस बिल की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह कर्मचारियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई से बचाता है। अगर आप ऑफिस के बाद बॉस का फोन नहीं उठाते हैं, तो कंपनी आपको सजा नहीं दे सकती। इसके अलावा, बिल में ओवरटाइम का भी प्रावधान है। अगर कोई कर्मचारी अपनी मर्जी से शिफ्ट के बाद काम करता है, तो कंपनी को उसे स्टैंडर्ड रेट पर ओवरटाइम देना होगा।

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नियम तोड़ने वाली कंपनियों पर एक्शन

बिल में मनमानी करने वाली कंपनियों के लिए सख्त सजा तय की गई है। जो कंपनियां ‘डिस्कनेक्ट होने के अधिकार’ का सम्मान नहीं करेंगी, उन पर भारी जुर्माना लगेगा। गाइडलाइंस का उल्लंघन करने पर एंप्लॉयर को अपने कुल कर्मचारी वेतन खर्च का 1% तक जुर्माना भरना पड़ सकता है। यह नियम नौकरी देने वाली कंपनियों को कर्मचारियों के निजी समय की कद्र करना सिखाएगा।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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