Delhi News: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में शनिवार को छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हुई। इस घटना के बाद पुलिस ने छात्र संघ अध्यक्ष नीतीश कुमार सहित 28 छात्रों को हिरासत में ले लिया। पुलिस का दावा है कि झड़प के दौरान छह पुलिसकर्मी घायल हो गए। छात्रों ने वसंत कुंज थाने के सामने प्रदर्शन का ऐलान किया था। मामला विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव को लेकर हुई झड़प से जुड़ा है।
पुलिस के अनुसार शनिवार शाम 70-80 छात्र जेएनयू के पश्चिमी द्वार पर जमा हो गए। नेल्सन मंडेला मार्ग की ओर उनकी आवाजाही रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेड्स लगा दिए। पुलिस का आरोप है कि छात्रों ने बलपूर्वक बैरिकेड्स तोड़ दिए और पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई की।
झड़प का क्रम
पुलिस का कहना है कि बार-बार अनुरोध के बावजूद छात्रों ने बलपूर्वक बैरिकेड्स तोड़ दिए। उन्होंने पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई की और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। इसके बाद छात्र नेल्सन मंडेला मार्ग पर आ गए जिससे यातायात अस्थायी रूप से बाधित हो गया। पुलिस ने अध्यक्ष नीतीश कुमार, उपाध्यक्ष मनीषा और महासचिव मुंतिया फातिमा समेत 28 छात्रों को हिरासत में लिया।
छह पुलिसकर्मी इस झड़प में घायल हुए हैं। पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। छात्र संगठनों ने पुलिस कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाई है।
वामपंथी छात्र समूहों के आरोप
वामपंथी छात्र समूहों का आरोप है कि अधिकारियों ने एबीवीपी से जुड़े छात्रों के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं की। उनका कहना है कि यह झड़प जेएनयूएसयू चुनाव समिति के गठन के लिए आयोजित आम सभा की बैठक के दौरान हुई। इन छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने एबीवीपी सदस्यों के प्रति पक्षपात दिखाया है।
अखिल भारतीय छात्र संघ ने एक बयान में कहा कि एबीवीपी की गुंडागर्दी और हिंसा जेएनयू में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को बाधित कर रही है। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। छात्र संगठनों के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है।
जेएनयूएसयू अध्यक्ष के आरोप
जेएनयू एसयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि जब जेएनयूएसयू चुनावों को लेकर जनरल बॉडी मीटिंग शुरू हुई तो काउंसलर रजत को एबीवीपी के गुंडों ने पीटा। उन्होंने कहा कि जैसे ही वे बाहर निकले एबीवीपी के गुंडों ने उन्हें दो घंटे तक बंधक बनाए रखा।
कुमार ने आरोप लगाया कि उन पर जातिवादी गालियां दी गईं। उन्होंने दिल्ली पुलिस को फोन किया लेकिन एसएचओ बलबीर सिंह ने कोई हस्तक्षेप नहीं किया। कुमार का कहना है कि उन्हें पीटा गया और उनका कुर्ता फाड़ दिया गया। उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई लेकिन कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई।
एबीवीपी का पक्ष
एबीवीपी जेएनयू अध्यक्ष मयंक पंचाल ने कहा कि इस तरह की गैर-लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं कैंपस में अव्यवस्था और आक्रोश पैदा कर रही हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि प्रशासन यदि अब भी ध्यान नहीं देता है तो आम छात्रों में नाराजगी बढ़ सकती है। पंचाल ने कहा कि स्थिति गंभीर हो सकती है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि जेएनयू में छात्रों की भागीदारी और लोकतंत्र को बचाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। एबीवीपी ने विश्वविद्यालय प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि परिसर में शांति और व्यवस्था बहाल की जानी चाहिए।
दशहरा से चल रहा है विवाद
यह टकराव दशहरा के दौरान हुई एक घटना से शुरू हुआ था। तब वामपंथी और दक्षिणपंथी छात्र समूहों के बीच परिसर में झड़प हुई थी। जय भीम लाल सलाम समूह ने शनिवार को मार्च का नेतृत्व किया था। पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया जब वे थाने पहुंचने की कोशिश कर रहे थे।
गुरुवार को आम सभा की बैठक के दौरान वामपंथी समूहों ने एबीवीपी पर गुंडागर्दी का आरोप लगाया। दक्षिणपंथी छात्र संगठन ने क्षेत्रीय घृणा का शिकार होने की बात कही। दिल्ली पुलिस ने इस घटना को मामूली हाझापाई बताया है। अभी तक जेएनयू प्रशासन के पास कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई है।
