Uttar Pradesh News: झांसी के रक्सा थाना क्षेत्र के डगरवाह गांव में एक मामला सामने आया है जिसने सभी को हैरान कर दिया है। पांच साल पहले अपने प्रेमी के साथ घर छोड़कर चली गई एक महिला अपने पति की मौत के बाद वापस लौट आई है। वापसी का कारण उसके पति ज्वाला प्रसाद को मिले 35 लाख रुपये का मुआवजा बताया जा रहा है। अब वह इस पैसे पर दावा कर रही है जबकि परिवार के सदस्य उसके इस कदम का विरोध कर रहे हैं।
ज्वाला प्रसाद अहिरवार एक किसान थे जिनकी हाल ही में मौत हो गई। उनकी संपत्ति बीड़ा आवासीय विकास परियोजना में शामिल होने के कारण उन्हें मुआवजा मिला था। ज्वाला प्रसाद के चार भाइयों को भी 35-35 लाख रुपये से अधिक की राशि प्राप्त हुई है। ज्वाला प्रसाद ने करीब 15 साल पहले रेखा नामक महिला से शादी की थी और इस दंपति के दो बच्चे हैं।
मृतक के भाई राजेंद्र ने बताया कि पांच साल पहले उनकी भाभी रेखा अपने दोनों बच्चों को छोड़कर किसी प्रेमी के साथ घर से भाग गई थी। वह लंबे समय तक गायब रही और परिवार से कोई संपर्क नहीं रखा। हालांकि, जैसे ही उसे अपने पति की मौत और मुआवजे की राशि के बारे में पता चला, वह तुरंत घर वापस आ गई।
वापस आते ही रेखा मुआवजे की राशि पर अपना हक जताने लगी। परिवार वालों का कहना है कि वह लगातार पैसे को लेकर विवाद कर रही है। उसने पति द्वारा खरीदे गए प्लॉट को बेचने की धमकी भी दी है। इससे परिवार में तनाव का माहौल बना हुआ है।
मृतक के बड़े बेटे अंशुल ने पुलिस को बताया कि उसकी मां उसे और उसके छोटे भाई अमित को मारती-पीटती है। उन्हें खाने-पीने तक की सुविधा नहीं देती। बच्चों ने शिकायत की कि उनकी मां उन्हें परेशान कर रही है और वे अपने चाचा के साथ रहना चाहते हैं। अंशुल ने कहा कि उसकी मां उन्हें छोटे में ही छोड़कर चली गई थी।
मृतक की भाभी मालती ने भी इस बात की पुष्टि की कि रेखा पांच साल पहले किसी अन्य व्यक्ति के साथ भाग गई थी। उसने कहा कि जेठ की मौत के बाद ही रेखा मुआवजे की राशि में हिस्सा मांगने आई है। परिवार वालों का मानना है कि रेखा का पैसे के अलावा कोई और मकसद नहीं है।
पुलिस के अनुसार ज्वाला प्रसाद ने मिले मुआवजे से रक्सा टोल के पास 50×50 का एक प्लॉट खरीदा था। इस प्लॉट का आधा हिस्सा पहले ही तैयार किया जा चुका था। बच्चों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उनकी मां इस प्लॉट पर नजर गड़ाए हुए है और उसे बेचने की धमकी दे रही है।
रक्सा थाना पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई की। बच्चों को उनके चाचा के पास सुरक्षित रखा गया है ताकि उन्हें किसी भी प्रकार का नुकसान न पहुंचे। पुलिस अब इस मामले की विस्तार से जांच कर रही है और सभी पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि यह मामला परिवारों में पैसे के लिए होने वाले झगड़ों की कड़वी सच्चाई को उजागर करता है। लोगों ने बच्चों की सुरक्षा और उनके भविष्य की चिंता जताई है। स्थानीय निवासी चाहते हैं कि बच्चों का हित सर्वोपरि रखा जाए और उनकी संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
परिवार के सदस्यों ने पुलिस से अनुरोध किया है कि बच्चों की संपत्ति को किसी भी अनुचित दावे से बचाया जाए। उनका कहना है कि रेखा ने लंबे समय तक परिवार का साथ नहीं दिया इसलिए उसका मुआवजे की राशि पर कोई अधिकार नहीं बनता। यह मामला अदालत में भी पहुंच सकता है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वे मामले की सभी जांच पूरी करने के बाद ही आगे की कार्रवाई करेंगे। फिलहाल बच्चों की सुरक्षा और उनकी देखभाल सुनिश्चित की गई है। पुलिस मामले से जुड़े सभी पहलुओं की जांच कर रही है और जल्द ही अंतिम रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
