World News: अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का एक बयान सोशल मीडिया पर बहस का विषय बन गया है। मिसिसिपी विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि उनकी हिंदू पत्नी ऊषा एक दिन ईसाई धर्म अपना लें। यह बयान न सिर्फ उनके निजी जीवन पर सवाल उठा रहा है बल्कि 2028 के राष्ट्रपति चुनाव को भी प्रभावित कर सकता है।
वेंस ने टर्निंग पॉइंट यूएसए कार्यक्रम में एक छात्रा के सवाल का जवाब देते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि ऊषा अक्सर उनके साथ चर्च जाती हैं और वह आशा करते हैं कि वह ईसाई धर्म से प्रभावित होंगी। इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर वेंस की आलोचना शुरू हो गई। कई लोगों ने उन पर धार्मिक असहिष्णुता का आरोप लगाया।
विवादित बयान की पूरी कहानी
कार्यक्रम के दौरान एक छात्रा ने वेंस से सीधा सवाल पूछा। उसने पूछा कि क्या वह चाहते हैं कि उनकी पत्नी ऊषा धर्म परिवर्तन करें। इस पर वेंस ने जवाब दिया कि जब वे मिले थे तो दोनों विशेष धार्मिक नहीं थे। अब ऊषा ज्यादातर रविवार को उनके साथ चर्च जाती हैं।
वेंस ने कहा कि वह आशा करते हैं कि ऊषा ईसाई धर्म से प्रभावित हो जाएंगी। लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि भगवान ने स्वतंत्र इच्छा दी है। उन्होंने ऊषा को अज्ञेयवादी बताया जबकि ऊषा ने खुद को सक्रिय हिंदू कहा है। यह अंतर्विरोध विवाद का कारण बना।
ऊषा वेंस की धार्मिक पहचान
ऊषा वेंस ने हमेशा अपनी हिंदू पहचान पर गर्व व्यक्त किया है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनके माता-पिता का हिंदू धर्म उन्हें बेहतर इंसान बनाता है। वह भारतीय-अमेरिकी तेलुगु मूल की हैं और उनके माता-पिता भारत से अमेरिका आए थे।
दंपति की 2014 में हुई शादी में हिंदू और ईसाई दोनों रीति-रिवाज शामिल थे। वे अपने तीन बच्चों को ईसाई परंपराओं में पाल रहे हैं। ऊषा अमेरिकी इतिहास में पहली एशियाई-अमेरिकी और हिंदू सेकंड लेडी हैं। वह एक प्रतिभाशाली वकील भी हैं।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
जेडी वेंस के बयान के बाद सोशल मीडिया पर तूफान आ गया। कई यूजर्स ने उन पर पत्नी की धार्मिक पहचान को नकारने का आरोप लगाया। एक यूजर ने लिखा कि वेंस ऊषा को अज्ञेयवादी बता रहे हैं जबकि वह खुद को हिंदू मानती हैं।
कुछ यूजर्स ने तो यहां तक कहा कि वेंस राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए पत्नी को छोड़ सकते हैं। एरिका किर्क के साथ वेंस की तस्वीरें वायरल हुई हैं। कुछ लोगों ने अटकलें लगाईं कि वेंस ईसाई पहली महिला चाहते हैं। हालांकि इन अटकलों की पुष्टि नहीं हुई है।
राजनीतिक प्रभाव
विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद जेडी वेंस की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को प्रभावित कर सकता है। वेंस 2028 के रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने की दौड़ में हैं। उनके समर्थकों में कई ऐसे हैं जो ईसाई पहली महिला चाहते हैं।
यह बयान अमेरिका में धार्मिक स्वतंत्रता और बहुलवाद पर बहस छेड़ सकता है। कुछ लोगों का मानना है कि एक हिंदू सेकंड लेडी अमेरिकी राजनीति में विविधता का प्रतीक है। वहीं दूसरे इसे रिपब्लिकन पार्टी के लिए चुनौती मानते हैं।
छात्रा के साहसी सवाल
कार्यक्रम में सवाल पूछने वाली छात्रा की पहचान सामने नहीं आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वह भारतीय मूल की हैं। उन्होंने वेंस के अंतरधार्मिक विवाह और
