Bihar News: बिहार में धार्मिक मुद्दों पर टिप्पणी को लेकर राजनीतिक माहौल गरम हो गया है। हाल ही में बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था। शिक्षा मंत्री के इस बयान पर बिहार समेत देश भर के तमाम दिग्गज नेताओं ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करते दिखे थे।
इस दौरान एक दूसरे के खिलाफ खूब बयानबाजी भी की गई थी। इसी कड़ी में धार्मिक मुद्दों पर टिप्पणी को लेकर एक बार फिर से घमासान शुरू हो गया है। बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने प्रभु श्री राम को लेकर विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने आज 17 मार्च को भाषण देते हुए कहा कि भगवान राम की कहानी सिर्फ काल्पनिक है। इस कहानी में राम से ज्यादा कर्मठ रावण था, लेकिन इसे हम नहीं मानते हैं।
मांझी रामायण के चौपाइयों पर उठा चुके हैं सवाल
बता दें कि जीतन राम मांझी इससे पहले भी भगवान राम और रामायण को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं। उन्होंने रामायण में लिखी कुछ पंक्तियों को गलत ठहराते हुए कहा था कि वे रामायण को मानते हैं। रामायण से रामचरितमानस का सृजन हुआ है, रामायण को महर्षि वाल्मीकि ने लिखा है, लेकिन फिर भी वाल्मीकि की जयंती नहीं मनाई जाती है। वाल्मीकि की पूजा होनी चाहिए लेकिन नहीं होती है।
मांझी ने इससे पहले भी रामायण की पंक्ति ‘नारी नीर नीच कटी धावा, ढोल गवार शुद्र पशु नारी सकल ताड़ना के अधिकारी, पूज्य विप्र शील गुण हीना’ पर भी सवाल उठाया था। उन्होंने खुले मंच से कहा था कि वे राम को भगवान नहीं मानते हैं। उन्होंने राम को केवल गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि की रचना का एक पात्र बताया था। उन्होंने कहा था कि इसलिए मैं गोस्वामी तुलसीदास और महर्षि वाल्मीकि को मानता हूं, लेकिन राम को नहीं मानता हूं, क्योंकी भगवान राम सिर्फ एक कल्पना है।