International News: जापान सरकार ने इन्फ्लूएंजा के मामलों में अप्रत्याशित और तेज बढ़ोतरी के बाद देशभर में महामारी घोषित कर दी है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस पहले की तुलना में कहीं अधिक तेजी से फैल रहा है। अस्पतालों के वार्ड मरीजों से भर चुके हैं और सैकड़ों शैक्षणिक संस्थानों को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा है।
इस बार फ्लू का मौसम पिछले वर्ष की तुलना में लगभग पांच सप्ताह पहले शुरू हो गया है। इस असामयिक और तीव्र प्रसार ने स्वास्थ्य अधिकारियों में चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि वायरस ने अपना स्वरूप बदल लिया है और अब यह अधिक संक्रामक हो गया है।
वायरस में आए बदलाव
वैज्ञानिकों का मानना है कि इन्फ्लूएंजा का वर्तमान स्वरूप पारंपरिक दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर चुका है। इससे रोगियों का इलाज करना पहले से अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है। वायरस लगातार खुद को नए वातावरण के अनुकूल ढाल रहा है जिससे इसकी रोकथाम मुश्किल हो रही है।
होक्काइडो हेल्थ साइंसेज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर योको त्सुकामोटो ने इस बदलाव पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि यह नया सामान्य बन सकता है। जापान में पिछले दो दशकों में यह केवल दूसरी बार है जब फ्लू इतनी जल्दी और तेजी से फैला है।
मामलों में भारी वृद्धि
जापान के स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़े चौंकाने वाले हैं। बाईस सितंबर से शुरू हुए सप्ताह में चार हजार तीस नए मरीज दर्ज किए गए। यह संख्या पिछले सप्ताह की तुलना में साढ़े नौ सौ से अधिक है। प्रति चिकित्सा संस्थान औसतन एक से अधिक मामले सामने आए हैं।
यह आंकड़ा महामारी की घोषणा के लिए निर्धारित सीमा से ऊपर है। इसी वजह से सरकार को यह कदम उठाना पड़ा। स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों का तांता लगा हुआ है।
शिक्षण संस्थान बंद
बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर देश भर में एक सौ पैंतीस स्कूल और किंडरगार्टन बंद कर दिए गए हैं। यह संख्या पिछले वर्ष के आंकड़े से तीन गुना अधिक है। इनमें अधिकांश चाइल्डकेयर सेंटर शामिल हैं जहां छोटे बच्चे जाते हैं।
इन संस्थानों के बंद होने से अभिभावकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से घर पर रहने की अपील की है। सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ जमा न हो इसके निर्देश दिए गए हैं।
अंतरराष्ट्रीय यात्रा का प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि महामारी के बाद बढ़े अंतरराष्ट्रीय पर्यटन और आवागमन ने भी वायरस के प्रसार में भूमिका निभाई है। लोगों की बढ़ी हुई आवाजाही ने संक्रमण के चक्र को तेज कर दिया है। इससे वायरस को विभिन्न देशों में फैलने और अनुकूलन का मौका मिला।
वैज्ञानिकों ने लोगों से अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। उनका कहना है कि यह समस्या केवल जापान तक सीमित नहीं है। दुनिया के कई अन्य देशों में भी इसी तरह के पैटर्न देखे जा रहे हैं।
भविष्य की चुनौतियां
वर्तमान स्थिति स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। अस्पतालों पर मरीजों का बोझ लगातार बढ़ रहा है। चिकित्सा कर्मचारी लगातार काम कर रहे हैं लेकिन मरीजों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। सरकार नई दवाओं और टीकों के विकास पर जोर दे रही है।
इन्फ्लूएंजा के इस नए स्वरूप ने वैज्ञानिकों के सामने नई शोध चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। वे वायरस के जीनोम का अध्ययन कर रहे हैं ताकि इसके व्यवहार को बेहतर ढंग से समझा जा सके। इससे भविष्य में ऐसी महामारियों से निपटने में मदद मिलेगी।
