Delhi News: 2014 में जनकपुरी दिल्ली हाट का उद्घाटन हुआ था। 120 करोड़ की लागत से 8 एकड़ में बना यह हाट अब बंद होने की कगार पर है। महिला उद्यमी और वेंडर्स परेशान हैं। ग्राहकों की कमी से दुकानें खाली हैं। व्यापारी बिना बिक्री के घर लौट रहे हैं। ज्यादातर व्यापारी महिलाएं हैं, जो व्यवसाय के साथ घर संभाल रही हैं। प्रबंधन की अनदेखी से स्थिति बिगड़ रही है।
ग्राहकों की कमी से वीरान हाट
परमजीत सिंह, जो 2016 से दुकान चला रहे हैं, बताते हैं कि पहले 100 से ज्यादा दुकानें थीं। अब केवल छह बची हैं। शनिवार-रविवार को कुछ ग्राहक आते हैं, लेकिन बाकी दिन सन्नाटा रहता। महिला उद्यमी सरिता ने बताया कि 2023 में उनकी कमाई 70 हजार थी, अब 300 रुपये भी मुश्किल। 10,000 रुपये किराया देना भारी पड़ रहा। प्रबंधन इवेंट नहीं करा रहा, जिससे ग्राहक घट रहे हैं।
प्रबंधन पर अनदेखी का आरोप
महिला व्यापारी श्रावली गांगुली ने बताया कि प्रबंधन इवेंट आयोजित नहीं कर रहा। उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने की कोशिश भी नाकाम रही। महिला उद्यमी दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से हाट को बचाने की अपील कर रही हैं। व्यापारियों ने कहा कि प्रबंधन स्पष्ट कह रहा है, जो रहना चाहे रहे, जो जाना चाहे जाए। स्थिति निराशाजनक बनी हुई है।
मरम्मत और किराए का बोझ
महिला व्यापारी श्वेता ने बताया कि INA दिल्ली हाट में आग के बाद वहां के व्यापारियों को मुआवजा और किराया माफी मिली। लेकिन जनकपुरी हाट में मरम्मत नहीं हो रही। बिजली की समस्याएं बनी हैं, फिर भी 20 रुपये टिकट और 10,000 रुपये किराया लिया जा रहा। प्रबंधन के अनुदीप सिंह बेदी ने कहा कि मरम्मत के बाद इवेंट होंगे। लेकिन महिला उद्यमी को तत्काल राहत की जरूरत है।
